पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े शुक्रवार को जारी किए जाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी नवीनतम मौद्रिक नीति बैठक में 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 7.2 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान लगाया है। अब एसबीआई ने भी अपनी रिसर्च रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक के आंकड़ों पर मुहर लगाते हुए 7.1% की वृद्धि दर का अनुमान जताया है।
सरकार की ओर से आधिकारिक आंकड़े प्रकाशित करने से कुछ दिन पहले एसबीआई रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि 2024-25 की पहली तिमाही अप्रैल-जून की अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.0 से 7.1 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े शुक्रवार को जारी किए जाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी नवीनतम मौद्रिक नीति बैठक में 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई के अनुसार पहली तिमाही में वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.2 प्रतिशत रह सकती है।
एसबीआई रिसर्च ने समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष की ओर से तैयार अपनी नवीनतम इकोरैप रिपोर्ट में कहा है कि आपूर्ति शृंखला के दबाव से चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है, जिसमें बढ़ती वैश्विक माल ढुलाई और कंटेनर लागत और सेमीकंडक्टर की कमी शामिल है। एसबीआई रिसर्च के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने जुलाई की शुरुआत से गति पकड़ी, जिससे अर्थव्यवस्था में कमी की आशंका दूर हो गई।
25 अगस्त, 2024 तक, संचयी वर्षा लंबी अवधि के औसत (LPA) से 5 प्रतिशत अधिक रही, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान एलपीए से 7 प्रतिशत कम थी। औसत से अधिक वर्षा के कारण 20 अगस्त, 2024 तक, कुल खरीफ का बुवाई क्षेत्र 103.1 मिलियन हेक्टेयर (पूर्ण-मौसम सामान्य क्षेत्र का 94 प्रतिशत) पर पहुंच गया।
पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में यह दो प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान भारत की जीडीपी में प्रभावशाली 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अर्थव्यवस्था 2022-23 में 7.2 प्रतिशत और 2021-22 में 8.7 प्रतिशत बढ़ी।
इस बीच, कई वैश्विक रेटिंग एजेंसियों और बहुपक्षीय संगठनों ने भी भारत की वृद्धि दर के अपने पूर्वानुमानों में संशोधन किया है। जुलाई में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करते हुए, 2024 के लिए भारत के विकास अनुमानों को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है।अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें