हिमाचल: वोकेशनल-एजुकेशन को अनुबंधित कंपनियां हो सकती है बाहर, शिक्षा मंत्री ने गठित की कमेटी, कमेटी की रिपोर्ट आते ही होगा फैसला, पढ़े पूरी खबर..
शिमला: हिमाचल के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजित मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए हिमाचल के सरकारी स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा के लिए अनुबंधित 17 कंपनियों को सरकार बाहर कर सकती हैं। मगर यह फैसला शिक्षा मंत्री द्वारा आज की मीटिंग में गठित कमेटी की सिफारिश पर होगा। शिक्षा मंत्री ने स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजेश शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी शिक्षा मंत्री को रिपोर्ट देगी। इसके बाद सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां रखने या बाहर करने को लेकर फैसला किया जाएगा।
दरअसल, वोकेशनल टीचर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर शिमला में इसी महीने 11 दिन तक हड़ताल कर चुके हैं। वोकेशनल शिक्षक हरियाणा की तर्ज पर अपनी सेवाएं शिक्षा विभाग के अधीन करने की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि इससे सरकार पर एक रुपये का भी वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। वे सिर्फ कंपनियों को हटाना चाहते हैं।
वोकेशनल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने आरोप लगाया कि अनुबंधित कंपनियां उनका शोषण कर रही है। इससे कमीशन के रूप में सरकार का करोड़ों रुपए भी कंपनियों पर खर्च हो रहा है।
शिक्षा विभाग ने 17 कंपनियां कर रखी अनुबंधित
प्रदेश के हाई और सेकेंडरी स्कूलों में साल 2013 से वोकेश्नल सब्जेक्ट 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों में 80 हजार से ज्यादा छात्र पंजीकृत है। विभाग ने इसके लिए एक-दो नहीं बल्कि 17 कंपनियां अनुबंधित कर रखी है। इनके माध्यम से वोकेश्नल टीचर की सेवाएं ली जा रही है।
दक्ष कामगार तैयार करने को वोकेश्नल पाठयक्रम
केंद्र की स्कूलों में दक्ष कामगार तैयार करने की योजना के तहत वोकेश्नल सब्जेक्ट पढ़ाएं जा रहे हैं। इनमें 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 फीसदी बजट राज्य सरकार देती है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा, आज वोकेशनल टीचर की मांगों को लेकर मीटिंग में चर्चा की गई। सरकार टीचरों की मांगे पूरी करने की कोशिश करेगी, लेकिन कोई भी निर्णय कमेटी की सिफारिश पर होगा।
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