हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 18 दिसंबर से 21 दिसंबर तक तय किया गया है। इस बार केवल चार दिन का सत्र रहेगा। जिसको लेकर विपक्ष भड़का हुआ है। भाजपा ने सरकार पर विपक्ष के सवालों से भागने का आरोप लगाया हैं। यही नहीं विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया पर सरकार की कठपुतली की तरह काम करने के भी आरोप लगाया। पढ़ें पूरी खबर..
शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश विधानसभा के धर्मशाला स्थित तपोवन में चार दिन के विधानसभा सत्र में 200 सवाल गूंजेंगे। 18 से 21 दिसंबर के बीच होने जा रहे शीत सत्र के लिए प्रश्न भेजने की समय सीमा गुरुवार शाम पांच बजे खत्म हो गई। विधायकों को सत्र के अंतिम दिन से 15 दिन पहले प्रश्न भेजने होते हैं।
दोनों ही दलों के विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े ज्यादा प्रश्न लगाए हैं। 14वीं विधानसभा का यह सातवां सत्र है। इस सत्र के लिए विधायकों ने विधानसभा सचिवालय को प्रश्न भेज दिए हैं। यह प्रश्न कानून-व्यवस्था, खनन, नशा, अपराध, बिजली शुल्क, पेयजल, सड़क आदि विभिन्न विषयों पर पूछे गए हैं। विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में सड़क, पानी, कानून-व्यवस्था आदि से जुड़े ज्यादा सवाल लगाए हैं।
विधानसभा सचिवालय ने इन्हें विभागों को जवाब बनाने के लिए भेज दिया है। इनमें से तारांकित प्रश्नों के उत्तर मंत्री मौखिक रूप से देंगे तो अतारांकित प्रश्नों के उत्तर मंत्रियों के हवाले से सदन के पटल पर रखे जाएंगे। नियम 130 और अन्य नियमों के लिए विषय भेजने को अभी समय शीत सत्र में नियम 130 और अन्य नियमों के लिए विषय भेजने के लिए अभी समय है। विधायक आगामी दिनों में ऐसे तमाम नियमों के तहत विभिन्न विषयों को भेज सकेंगे।