हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस MLA के बेटे की गाड़ी का चालान काटने के बाद हुई थी तेजतर्रार DSP अनिल शर्मा की ट्रांसफर, हाईकोर्ट ने लगाई रोक, पढ़ें पूरी खबर..
कांगड़ा: (HD News); हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के युवा और तेजतर्रार डीएसपी अनिल शर्मा (DSP Anil Sharma) के ट्रांसफर पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किए और डीएसपी के ट्रांसफर आदेश पर स्टे लगा दिया। एक सप्ताह पहले ही सरकार ने डीएसपी अनिल शर्मा को यहां से तब्दील किया था। डीएसपी अनिल शर्मा के ट्रांसफर को स्थानीय विधायक के बेटे की गाड़ी के चालान काटने के विवाद से जोड़कर देखा जा रहा था।
शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 की जारी आदेशों पर यथास्थिति बनाने रखने के आदेश दिए और सरकार से 22 मार्च 2025 तक जवाब मांगा। जानकारी के अनुसार, अनिल कुमार शर्मा की मई 2024 में बैजनाथ में डीएसपी के तौर पर तैनाती की गई थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस अधिनियम 2007 की धारा-12 के अंतर्गत डीएसपी का एक स्थान पर कार्यकाल दो साल तक होता है और यदि किसी एसडीपीओ को दो साल पहले ट्रांसफर किया जाता है तो लिखित रूप में कारण दर्ज करने होते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि डीएसपी ने पुलिस से बदसलूकी और नियम तोड़ने पर बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल के बेटे का चालान किया था। यह घटना 2 नवंबर को पैराग्लाइडिंग के दौरान हुई थी। हालांकि इसे पुख्ता तौर पर नहीं माना जा सकता, लेकिन चर्चा है कि इसी वजह से डीएसपी को अल्प समय में ही तबादले का सामना करना पड़ा है। मृदुभाषी स्वभाव के लिए लोकप्रिय अनिल शर्मा ने रात के समय खुद नाके पर खड़े होकर कानून-व्यवस्था का पालन सुनिश्चित किया। एमएलए बैजनाथ के बेटे का चालान की घटना के बाद उनका अचानक तबादला हो गया था।
22 वर्ष की आयु में सबसे युवा डीएसपी बने अनिल शर्मा का इतने कम समय में तबादला होना उनकी योग्यता और कार्यक्षमता को अनदेखा करने जैसा माना जा रहा है। अपनी त्वरित कार्रवाई और सख्त निर्णयों के लिए पहचाने जाने वाले अनिल शर्मा ने बैजनाथ और आसपास के क्षेत्रों में बिगड़ती यातायात व्यवस्था को न केवल सुधारा, बल्कि नशा माफिया और अवैध खनन पर भी प्रभावी अंकुश लगाया। बैजनाथ में उन्होंने अपनी ज्वाइनिंग के बाद सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए और लोग भी उनकी तारीफ करते हैं।