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पंचांग

आज का पंचांग, 10 फरवरी 2025 : आज सोम प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त का समय

February 10, 2025 06:39 AM
Om Prakash Thakur

हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं: 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)। पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।

*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है।

*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।

*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।

*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

1:- तिथि : हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है।

तिथि के नाम- प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।

2 :- वार: वार का आशय दिन से है। एक सप्ताह में सात वार होते हैं। ये सात वार ग्रहों के नाम से रखे गए हैं - सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।

3 :- नक्षत्र: आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।

4 :- योग: नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम - विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।

5 :- करण: एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।

पंचांग: राष्ट्रीय मिति माघ 21, शक संवत 1946, माघ शुक्ल, त्रयोदशी, सोमवार, विक्रम संवत् 2081। सौर माघ मास प्रविष्टे 28, शब्बान 11, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 10 फरवरी सन् 2025 ई॰। सूर्य उत्तरायण, दक्षिण गोल, शिशिर ऋतुः। राहुकाल प्रातः 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक। त्रयोदशी तिथि सायं 06 बजकर 58 मिनट तक उपरांत चतुर्दशी तिथि का आरंभ।

पुनर्वसु नक्षत्र सायं 06 बजकर 01 मिनट तक उपरांत पुष्य नक्षत्र का आरंभ। प्रीति योग पूर्वाह्न 10 बजकर 27 मिनट तक उपरांत आयुष्मान योग का आरंभ। तैतिल करण सायं 06 बजकर 58 मिनट तक उपरांत वणिज करण का आरंभ। चन्द्रमा पूर्वाह्न 11 बजकर 57 मिनट तक मिथुन उपरांत कर्क राशि पर संचार करेगा।आज के व्रत त्योहार सोम प्रदोष व्रत।

सूर्योदय का समय 10 फरवरी 2025 : सुबह में 7 बजकर 3 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय 10 फरवरी 2025 : शाम में 6 बजकर 7 मिनट तक।

आज का शुभ मुहूर्त 10 फरवरी 2025 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 20 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 26 मिनट से 3 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि रात में 12 बजकर 9 मिनट से रात में 1 बजकर 1 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 6 बजकर 5 मिनट से 6 बजकर 31 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 10 फरवरी 2025 :

सुबह में 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक राहुकाल रहेगा। इसी के साथ दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक गुलिक काल रहेगा। सुबह में 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 7 बजकर 3 मिनट से 8 बजकर 26 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल दोपहर में 12 बजकर 58 मिनट से 1 बजकर 42 मिनट तक।

आज का उपाय : आज सफेद रंग की चीजों का दान करें।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों / ज्योतिषियों / पंचांग / प्रवचनों/ धार्मिक मान्यताओं /धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

आप सभी का मंगलवार मंगलमय हो।

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