हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर से सरकारी स्कूलों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर मिसाल कायम की है। आज घोषित 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में शिमला स्थित पोर्ट-मोर स्कूल की छात्राओं ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। स्कूल की पांच छात्राओं ने टॉप-10 की सूची में स्थान बनाकर न केवल स्कूल का नाम रोशन किया, बल्कि यह भी साबित किया कि समर्पण, परिश्रम और सही मार्गदर्शन से कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं, जिसमें इस बार सरकारी स्कूलों का दबदबा देखने को मिला। प्रदेशभर से कुल 75 छात्र-छात्राओं ने टॉप-10 की सूची में जगह बनाई है, जिनमें 40 छात्र सरकारी स्कूलों और 35 निजी स्कूलों से हैं। खास बात यह रही कि शिमला के उत्कृष्ट राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पोर्ट-मोर की पांच छात्राओं ने मेरिट लिस्ट में नाम दर्ज कराया है।
पोर्ट-मोर स्कूल की छात्राएं इस उपलब्धि के साथ सुर्खियों में हैं। इनमें पारुल ठाकुर ने मेडिकल (साइंस) स्ट्रीम में 9वां स्थान प्राप्त किया, जबकि आर्ट्स स्ट्रीम की पृथ्वी 8वें, पायल 9वें तथा शिवांगी और अर्ची मेहता 10वें स्थान पर रही हैं। एक ही स्कूल की पांच छात्राओं का टॉप-10 में आना बड़ी सफलता माना जा रहा है।

स्कूल की प्रधानाचार्या राखी पंडित ने इस सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि यह स्कूल के लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा, "यह हमारी छात्राओं की लगन और शिक्षकों की मेहनत का नतीजा है। हमने हमेशा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान दिया है और यह सफलता उसी का परिणाम है।"
गौरतलब है कि पोर्ट-मोर स्कूल की पांच छात्राओं द्वारा मेरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त करना न केवल उनके व्यक्तिगत परिश्रम की कहानी है, बल्कि यह सरकारी स्कूलों की बढ़ती गुणवत्ता और शिक्षकों की निष्ठा का प्रमाण भी है। इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि संसाधनों की सीमाएं सफलता में बाधा नहीं बनती, यदि लगन और मार्गदर्शन सही हो। यह सफलता न केवल स्कूल के लिए गर्व का विषय है, बल्कि प्रदेश के समस्त शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्रेरणा स्रोत भी है।
