हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला के अर्की जघून गांव में जल शक्ति विभाग की लापरवाही अब जनसमस्या बन चुकी है। जालपा माता मंदिर के पास दो स्थानों पर पानी की पाइपलाइन टूटी हुई है, जिससे प्रतिदिन हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है। गर्मी की तपती दोपहरों में ग्रामीण एक-एक बूंद पानी को तरस रहे हैं, लेकिन विभाग की आंखें अब भी बंद हैं। गांव के उपप्रधान कली राम ने इस गंभीर मुद्दे को उठाया है और त्वरित कार्रवाई की मांग की है। पढ़ें पूरी खबर..
अर्की: (18 मई 2025): जघून गांव स्थित प्रसिद्ध जालपा माता मंदिर के पास जल शक्ति विभाग की अनदेखी से ग्रामीण इन दिनों भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं। मंदिर के पास दो स्थानों पर पानी की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण भीषण गर्मी के दिनों में हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है, जबकि गांववासी एक-एक बूंद पानी को तरस रहे हैं।
गांव के उपप्रधान कली राम ने हिमदर्शन को जानकारी देते हुए बताया कि इस गंभीर समस्या की जानकारी विभाग के कर्मचारियों को कई बार दी जा चुकी है। विभाग का कर्मचारी, जिसे समय पर पानी छोड़ना चाहिए, अपने कार्यों से लापरवाह बना हुआ है। आज स्वयं उपप्रधान ने बाड़ी धार से आने वाली पानी की टंकी का निरीक्षण किया, जो पूरी तरह भरी थी और ऊपर से पानी बह रहा था।

जब कर्मचारी की अनुपस्थिति को लेकर जानकारी ली गई, तो पता चला कि वह डुमैहर में क्रिकेट खेलने गया हुआ है। परिणामस्वरूप, आज पूरे दिन गांव को पीने का पानी तक नसीब नहीं हुआ।
ग्रामीणों में रोष
गर्मी के इस कठिन समय में जहां एक ओर जल संकट गहराता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विभाग की लापरवाही से कीमती पानी यूं ही बह रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते इस मुद्दे को नहीं सुलझाया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।

यह रहा उपप्रधान कली राम की तीन प्रमुख मांगों का प्रभावशाली और स्पष्ट प्रस्तुतीकरण, जिसे आप समाचार, प्रेस विज्ञप्ति या सोशल मीडिया पोस्ट में उपयोग कर सकते हैं:
उपप्रधान कली राम की स्पष्ट मांगें:
1. क्षतिग्रस्त पाइपलाइन की अविलंब मरम्मत की जाए, ताकि व्यर्थ बहते पानी को रोका जा सके और गांव को नियमित जल आपूर्ति मिल सके।
2. ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए, क्योंकि उसकी गैर-जिम्मेदारी से पूरा गांव प्रभावित हुआ है।
3. किसी जिम्मेदार, ईमानदार और संवेदनशील कर्मचारी की तैनाती की जाए, जो जनता की मूलभूत आवश्यकताओं को प्राथमिकता दे सके।
"पानी जीवन है, और उसकी बर्बादी असहनीय!" — कली राम, उपप्रधान, जघून पंचायत
जघून गांव में पानी की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने से जहां एक ओर कीमती जल व्यर्थ बह रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। विभागीय लापरवाही ने हालात को और भी गंभीर बना दिया है। यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह न सिर्फ जनस्वास्थ्य का मामला बनेगा बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े करेगा। ग्रामीणों की आशा अब सिर्फ इतनी है कि जल शक्ति विभाग तुरंत जागे और ठोस कदम उठाए, ताकि गांव को उसके जल अधिकार से वंचित न रहना पड़े।