आज यानी 24 मई शनिवार के दिन ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। आज के दिन शनि त्रयोदशी की तिथि होने की वजह से यह दिन बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। यदि आप साढ़े साती, ढैय्या, पनौती या शनि की महादशा में बुरे समय से गुजर रहे हैं, तो शनि की मूर्ति पर सरसों का तेल चढ़ाएं। इसके साथ ही शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। गरीबों, चतुर्थ क्षेणी के कर्मचारियों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं, अन्न-वस्त्र, काले तिल, काली दाल, कंबल आदि का दान करें। राहत मिलेगी। आज प्रदोष का व्रत भी रखा जाएगा। त्रयोदशी तिथि शाम 07:20 बजे से 25 मई को दोपहर 03:51 बजे तक रहेगी। प्रदोष का व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पंचांग के अनुसार, इस तिथि पर बहुत से शुभ और अशुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं आज का (Aaj ka Panchang 24 May 2025) पंचांग।
हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं..
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)
पंचांग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे।
जानिए शनिवार का पंचांग
* शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
* वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
* करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।

दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की àएक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।
शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।
शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है ।
पंचांग: राष्ट्रीय मिति ज्येष्ठ 03, शक संवत 1947, ज्येष्ठ, कृष्णा, द्वादशी, शनिवार, विक्रम संवत् 2082। सौर ज्येष्ठ मास प्रविष्टे 11, जिल्काद 25, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 24 मई सन् 2025 ई॰। सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतुः। राहुकाल प्रातः 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक। द्वादशी तिथि सायं 07 बजकर 21 मिनट तक उपरांत त्रयोदशी तिथि का आरंभ। रेवती नक्षत्र अपराह्न 01 बजकर 48 मिनट तक उपरांत अश्विनी नक्षत्र का आरंभ।
आयुष्मान योग अपराह्न 03 बजे तक उपरांत सौभाग्य योग का आरंभ। कौलव करण प्रातः 09 बजकर 01 मिनट तक उपरांत गर करण का आरंभ। चन्द्रमा अपराह्न 01 बजकर 48 मिनट तक मीन उपरांत मेष राशि पर संचार करेगा। आज के व्रत त्योहार शनि प्रदोष व्रत, पंचक समाप्त अपराह्न 01 बजकर 48 मिनट तक, गण्डमूल विचार।
सूर्योदय का समय 24 मई 2025 : सुबह में 5 बजकर 25 मिनट तक।
सूर्यास्त का समय 24 मई 2025 : शाम में 7 बजकर 9 मिनट पर ।
आज का शुभ मुहूर्त 24 मई 2025 :
ब्रह्म मुहूर्त 4 बजकर 4 मिनट से 4 बजकर 45 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्य रात्रि रात में 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 7 बजकर 9 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 24 मई 2025 :
सुबह में 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक राहुकाल रहेगा। सुबह में 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 7 बजकर 8 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 5 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक।
आज का उपाय : आज शनिदेव को आक के फूल अर्पित करें ।
डिस्क्लेमर: इस लेख में प्रस्तुत समस्त जानकारी, ज्योतिषीय गणनाएं एवं सामग्री विभिन्न पंचांगों, ज्योतिष शास्त्रों, धार्मिक ग्रंथों, विशेषज्ञों के मतों एवं सार्वजनिक स्रोतों से संकलित की गई है। यह केवल सामान्य सूचना देने के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है। इसकी पूर्णतः शुद्धता, सटीकता या विश्वसनीयता की कोई गारंटी नहीं दी जाती। पाठक किसी भी निर्णय या विश्वास के लिए स्वयं उत्तरदायी होंगे। हमारा उद्देश्य किसी प्रकार की मान्यता थोपना नहीं, बल्कि जानकारी उपलब्ध कराना मात्र है।