शांत और सुरक्षित माने जाने वाले हिमाचल प्रदेश से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को चौंका दिया है। कांगड़ा जिले के देहरा उपमंडल के एक छोटे से गांव सुकाहार में रहने वाला 20 वर्षीय युवक अभिषेक, दुश्मन देश के लिए जासूसी करते हुए पकड़ा गया है। यह गिरफ्तारी न केवल क्षेत्र में सनसनी फैला रही है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर रही है कि दुश्मन देश की पकड़ अब हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों तक कैसे पहुँच गई। पढ़ें पूरी खबर विस्तार से..
देहरा (कांगड़ा), (HD News); हिमाचल प्रदेश: हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के बाद अब हिमाचल प्रदेश में भी जासूसी से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। पुलिस जिला देहरा ने गुप्त सूचना के आधार पर कड़ी निगरानी और सटीक योजना के तहत देहरा उपमंडल के सुकाहार निवासी 20 वर्षीय युवक अभिषेक को गिरफ्तार किया है।
पुलिस द्वारा जारी विशेष प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कार्रवाई 28 मई 2025 की सुबह की गई, जिसमें उपमंडल पुलिस अधिकारी डाडासीबा के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर संदिग्ध युवक के घर पर छापेमारी की गई। दबिश के दौरान युवक को काबू कर पुलिस थाना देहरा लाया गया, जहां प्रारंभिक पूछताछ में उसकी पहचान अभिषेक पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी सुकाहार, जिला कांगड़ा के रूप में हुई। वह कॉलेज ड्रॉपआउट बताया गया है।

पूछताछ के दौरान युवक के मोबाइल फोन से संवेदनशील और आपत्तिजनक कंटेंट बरामद किया गया, जिसे धारा 152 BNS के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में रखा गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर पुलिस थाना देहरा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारियाँ लीक करने की आशंका है, और इस संबंध में आगामी कानूनी प्रक्रिया तेज़ी से अमल में लाई जा रही है।
यह मामला हिमाचल में अब तक के सबसे गंभीर जासूसी प्रकरणों में से एक माना जा रहा है। जिला पुलिस देहरा की सतर्कता से यह साजिश वक्त रहते सामने आ गई, जिससे एक बड़े खतरे को टालने में मदद मिली है।
देहरा से पकड़े गए युवक की गिरफ्तारी यह स्पष्ट संकेत देती है कि दुश्मन ताक़तें अब हिमाचल जैसे शांत माने जाने वाले राज्यों में भी अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रही हैं। यह मामला केवल एक युवक की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक चेतावनी है कि सतर्कता की ज़रूरत अब हर स्तर पर है—चाहे वो सीमावर्ती क्षेत्र हों या शांत पहाड़ी कस्बे। पुलिस और खुफिया एजेंसियों की तत्परता ने एक संभावित बड़ी साजिश को समय रहते रोक दिया है, लेकिन अब जरूरी है कि समाज भी जागरूक हो और ऐसी गतिविधियों की slightest आशंका पर भी संबंधित प्रशासन को सूचित करे।
राष्ट्र की सुरक्षा किसी एक विभाग या एजेंसी की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की साझी ज़िम्मेदारी है।
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