जब आसमान में उड़ान भरोसा बन जाए और वही उड़ान मौत बनकर टूट पड़े - तो सवाल सिर्फ तकनीक का नहीं, सिस्टम की संवेदनहीनता का उठता है। अहमदाबाद विमान हादसे ने सिर्फ जिंदगियां नहीं छीनीं, देश की सबसे पुरानी एयरलाइन की साख को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस हादसे में एक बेटी का करुण क्रंदन आज पूरे देश का सवाल बन गया है: क्या एक करोड़ मुआवज़ा उस पिता की जगह ले सकता है, जिसे बेटी ने हमेशा के लिए खो दिया ? पढ़ें विस्तार से..
अहमदाबाद: (HD News) ; अहमदाबाद विमान हादसे में अपनी जान गंवाने वाले एक यात्री की बेटी फ़ाल्गुनी की पुकार ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इंडिया टुडे के कैमरे पर जब फ़ाल्गुनी अपने पिता को याद करते हुए बोल रही थीं, तो उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
"वो एक करोड़ दे रहे हैं। मैं दो करोड़ दूंगी। लेकिन मेरे पापा वापस दे दो मुझे, " - यह कहते हुए फ़ाल्गुनी की आवाज़ में क्रोध, असहायता और गहरा दुःख साफ झलक रहा था।
फ़ाल्गुनी ने कहा, "मेरे पापा की क्या गलती थी जो वो इस फ्लाइट में बैठे ? एयर इंडिया क्या मज़ाक बनाकर बैठी है ? कोई जवाब नहीं, कोई संवेदना नहीं। मैं बेटी हूं। मुझे मेरे पापा वापस लाकर दो।"

हादसे के बाद जब फ़ाल्गुनी मीडिया से बात कर रही थीं, उस समय मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गईं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मुआवज़े से जान का दर्द कम हो सकता है ?
"क्या पैसे से इंसान खरीदे जा सकते हैं ? वो 1 करोड़ देने की बात कर रहे हैं। मैं दो करोड़ दूंगी। लेकिन मेरे पापा को बदले में वापस लाकर दे दो। उस पैसे से हम पलंग खरीद लेंगे, लेकिन उस पलंग पर नींद कैसे आएगी ?"
उनके पिता एयर इंडिया के नियमित यात्री थे और देशभक्त भी। फ़ाल्गुनी ने बताया, "मेरे पापा कहते थे एयर इंडिया हमारा गौरव है, देश की शान है। लेकिन आज देश प्रेम का यह ईनाम मिला - एक ताबूत में लिपटी उनकी लाश!"
फाल्गुनी ने भावुक होते हुए कहा,
"बंद कर दो एयर इंडिया, अगर आप सुरक्षित उड़ान नहीं भरवा सकते। किसी की जान से बढ़कर कुछ नहीं होता। ये कोई मज़ाक नहीं है।"
फाल्गुनी की आवाज़ एक अकेली बेटी की नहीं है, वो उन हजारों लोगों की तरफ से उठी है जो सिस्टम से जवाब मांगते हैं। मुआवज़ा एक औपचारिकता हो सकती है, लेकिन इंसान की जान का कोई विकल्प नहीं होता। यह हादसा केवल एक तकनीकी विफलता नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारियों के लापरवाह बिखराव की कीमत है। अगर अब भी कोई नहीं जागा, तो अगली बार नाम किसी और फाल्गुनी का होगा।
🕯️ हिमदर्शन परिवार की ओर से हम फाल्गुनी और सभी पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।