हिमाचल प्रदेश में जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्स ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चेतावनी दी है कि अगर उनकी वर्षों पुरानी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो वे शिमला में अनिश्चितकालीन धरना देंगे। संगठन ने सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है और चेताया है कि यदि समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
शिमला: (HD News); जल शक्ति विभाग पैरा वर्कर्स संघ ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ने की तैयारी कर ली है। संघ के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि वर्ष 2017 में विभाग में पैरा वर्कर्स की भर्ती की गई थी, लेकिन आज तक इनके लिए कोई स्थायी नीति नहीं बनाई गई है। पिछले सात वर्षों से ये कर्मचारी बिना किसी सुरक्षा और सुविधा के अस्थायी तौर पर सेवाएं दे रहे हैं।

महेश शर्मा ने बताया कि जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्स को वीकली ऑफ जैसी बुनियादी सुविधा तक नहीं मिल रही है। हालात यह हैं कि कुछ जिलों में पिछले दो से तीन महीनों से वेतन तक नहीं दिया गया है, जिससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।
संघ का कहना है कि उन्होंने कई बार सरकार से मुलाकात की कोशिश की और ज्ञापन भी सौंपे, लेकिन अब तक न तो मुख्यमंत्री से संवाद हो पाया और न ही कोई ठोस आश्वासन मिला।
महेश शर्मा ने दो टूक कहा कि अगर आगामी 10 दिनों के भीतर सरकार ने मांगों को लेकर कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया, तो प्रदेश भर के पैरा वर्कर्स शिमला के चौड़ा मैदान में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे।
संघ की मुख्य मांगे:
पैरा वर्कर्स के लिए स्थायी नीति लागू की जाए
नियमित वेतन सुनिश्चित किया जाए
वीकली ऑफ जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जाएं।
जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्स वर्षों से अस्थायी रूप से सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा उनकी स्थायी नीति, नियमित वेतन और बुनियादी सुविधाओं को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। वेतन न मिलने और सुविधाओं की कमी से कर्मचारी आर्थिक और मानसिक तनाव में हैं। अब संघ ने सरकार को 10 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए स्पष्ट किया है कि यदि मांगे नहीं मानी गईं तो वे शिमला में अनिश्चितकालीन धरना देंगे। यह आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह सरकार पर ही होगी।