हिमाचल प्रदेश फिर से मूसलाधार बारिश की सम्भावना है। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश को लेकर येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मंडी, चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जैसे क्षेत्रों में भूस्खलन, सड़कें अवरुद्ध, बिजली-पानी की आपूर्ति ठप होने जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। साथ ही प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। पढ़ें पूरी खबर..
शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश में अगले चार दिनों के दौरान भारी बारिश का येलो-ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 26 जुलाई को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है, जबकि 27, 30 और 31 जुलाई, तथा 1 अगस्त को कई जगहों पर बारिश होने का पूर्वानुमान है। 29 जुलाई को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 27, 28 और 30 जुलाई को येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मंडी जिले में सड़कें और बिजली आपूर्ति प्रभावित
मंडी में बीते दिनों आई आपदा के कारण 150 से अधिक सड़कें अभी भी बाधित हैं, जिनमें से अधिकांश सड़कें मंडी जिले में प्रभावित हैं। इसके अलावा, कई बिजली ट्रांसफार्मर और जल आपूर्ति योजनाएं भी इस भीषण बारिश से प्रभावित हुई हैं। 24 घंटे के दौरान जटोन बैराज में 33.2 मिमी, पालमपुर में 33.0 मिमी, मंडी में 26.4 मिमी, बीबीएमबी में 24.0 मिमी, कांगड़ा में 21.2 मिमी, पांवटा साहिब में 20.8 मिमी, कोठी में 18.6 मिमी, बिलासपुर में 15.4 मिमी, गुलेर में 14.4 मिमी, नारकंडा में 13.5 मिमी, कुफरी में 13.0 मिमी और भरमौर में 7.0 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
मानसून सीजन में जान-माल का भारी नुकसान
मानसून सीजन में अब तक 20 जून से 25 जुलाई तक 153 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 252 लोग घायल हुए हैं और 34 लोग अभी भी लापता हैं। बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ के कारण 1, 588 घर, दुकानें और 1, 139 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इस भारी नुकसान का कुल आंकड़ा 1436 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
कुल्लू में भूस्खलन से 60 लोग घर छोड़ने को मजबूर
शुक्रवार को कुल्लू जिले के सैंज क्षेत्र में एक पहाड़ी दरकने से 14 परिवारों के 60 लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए। सैंज घाटी की देहुरीधार पंचायत के दरमेढा गांव के पीछे से भारी मलबा और चट्टानें गिरने के बाद ग्रामीणों को अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर भागना पड़ा।
गौरतलब है कि राज्य में मौसम की मार के चलते स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। जहां एक ओर प्रशासन राहत और पुनर्वास के प्रयासों में जुटा है, वहीं लोगों को भी चाहिए कि वे मौसम अलर्ट को गंभीरता से लें और असुरक्षित क्षेत्रों में न जाएं। पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करते समय विशेष सावधानी बरतें। साथ ही, जानमाल की हानि को रोकने के लिए समय रहते सुरक्षा उपाय अपनाएं और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।