शिमला : (HD News); प्रदेश के कर्मचारियों के लिए राहत की किरण तब तक टल गई है जब तक कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से सुधार नहीं लेती। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि मई महीने में घोषित 3% डीए की किस्त अभी पूरी नहीं की जा सकती, लेकिन जैसे ही आर्थिक स्थिति स्थिर होगी, कर्मचारियों को उनका हक़ समय पर जारी किया जाएगा। यह घोषणा कर्मचारियों के हित में सरकार की जिम्मेदार नीति को दर्शाती है।

विपक्ष के वॉकआउट पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में रहते हुए भाजपा ने कर्मचारियों के साथ अन्याय किया, लाठीचार्ज कराया और ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू नहीं की। आज वही लोग कर्मचारियों के हितैषी बनने का दिखावा कर रहे हैं, जबकि सरकार आर्थिक चुनौतियों के बावजूद कर्मचारियों के हित में ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने भाजपा के दबाव में 1600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बोर्रोइंग रोक दी, जिससे प्रदेश की वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई। बावजूद इसके, सरकार ने भरोसा दिया कि आर्थिक स्थिति सुधारते ही कर्मचारियों की लंबित डीए और एरियर की पूरी देनदारी समय पर दी जाएगी।
सत्र के दौरान बिजली बिलों का मुद्दा भी उठाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विधायकों को 14 महीने का बिल मिला, जिसमें पिछला एरियर भी शामिल था। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का भरोसा दिया कि भविष्य में स्मार्ट और प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे, ताकि सभी उपभोक्ताओं को सही और पारदर्शी हिसाब मिल सके।
कर्मचारियों के हित में यह साफ संदेश है कि सरकार अपने वादों पर खड़ी है और आर्थिक स्थिति सामान्य होते ही उनके अधिकारों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।