शिमला (HD News); हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में आज एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया। सदन में हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार को भारत रत्न देने का संकल्प सर्वसम्मति से पारित हो गया। इस प्रस्ताव को नाहन से विधायक अजय सोलंकी ने सदन में चर्चा के लिए रखा, जिसे सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों ने एक स्वर से समर्थन दिया। अब यह संकल्प औपचारिक रूप से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
विधायक अजय सोलंकी ने कहा कि डॉ. परमार केवल हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि हिमाचल निर्माता भी थे। उनकी दूरदर्शी सोच और संघर्ष की बदौलत ही हिमाचल आज एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया और विकास की राह पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। ऐसे महान नेता को भारत सरकार की ओर से सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न मिलना ही चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भी डॉ. परमार के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे न सिर्फ आज़ादी की लड़ाई में सक्रिय रहे, बल्कि संविधान सभा के सदस्य के रूप में उन्होंने भारत के संविधान निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज़ादी के बाद हिमाचल प्रदेश के गठन और राज्य निर्माण में उनका योगदान अविस्मरणीय है। इसलिए उन्हें भारत रत्न की उपाधि मिलना समय की माँग है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा द्वारा पारित यह संकल्प न केवल डॉ. यशवंत सिंह परमार के योगदान को याद करने का अवसर है, बल्कि प्रदेश की जनता की भावनाओं का भी प्रतीक है। हिमाचल के अस्तित्व और विकास की नींव रखने वाले इस महान नेता को भारत रत्न देने की माँग अब पूरे राज्य की आवाज़ बन चुकी है। अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार पर टिकी हैं कि वह इस ऐतिहासिक मांग को कब पूरा करती है।
