शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (राजीव भवन, शिमला) में शुक्रवार को ऐसा नजारा देखने को मिला जिसने पार्टी की अंदरूनी खींचतान को एक बार फिर उजागर कर दिया। दरअसल, ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अभियान की सफलता को लेकर आयोजित बैठक के दौरान माहौल अचानक गरमा गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह के समर्थकों ने कार्यालय परिसर में जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे पूरा वातावरण गुटबाजी के रंग में रंग गया।
नारेबाजी से गूंजा राजीव भवन
पहले मुख्यमंत्री सुक्खू कांग्रेस दफ्तर पहुंचे और थोड़ी देर बाद विक्रमादित्य सिंह भी यहां आ गए। जैसे ही दोनों नेताओं के समर्थक आमने-सामने आए, कार्यकर्ता अपने-अपने नेताओं के समर्थन में नारे लगाने लगे। एक ओर “सुक्खू जिंदाबाद” के नारे गूंज रहे थे तो दूसरी ओर “विक्रमादित्य जिंदाबाद” के स्वर उठ रहे थे।

मंच पर बैठे नेता भी बेबस
कार्यक्रम के दौरान मंच पर प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल, मुख्यमंत्री सुक्खू, कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, सह-प्रभारी चेतन चौहान और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बार-बार मंच से कार्यकर्ताओं को चुप रहने और अनुशासन में बैठने के लिए कहा गया, लेकिन नारेबाजी थमी नहीं। लगभग 10 मिनट तक स्थिति काबू से बाहर रही।
शक्ति प्रदर्शन में बदल गई बैठक
जहां एक कोने में सुक्खू समर्थक अपने नेता के समर्थन में नारे लगा रहे थे, वहीं दूसरी ओर विक्रमादित्य समर्थक अपनी ताकत दिखाने में जुटे रहे। कांग्रेस के अंदर चल रही खींचतान का यह खुला प्रदर्शन पार्टी मंच से लेकर पूरे परिसर तक छाया रहा।
वैसे भी हिमाचल कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। होली लॉज और सुखविंदर सिंह के बीच की खटास जगजाहिर है। लगता था कि ये मनभेद वीरभद्र सिंह के साथ ही खत्म हो गया है, लेकिन ताज़ा नारेबाजी को देखते हुए लग रहा है कि अंदरूनी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। अब लड़ाई कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर है, होली लॉज संगठन में अपना दबदबा चाह रहा है, तो सीएम सुक्खू अध्यक्ष बदलने के मूड में हैं। ऐसे में आने वाले समय में भी गुटबाजी देखने को मिल सकती है।
क्या संदेश गया जनता तक ?
कांग्रेस कार्यालय में हुआ यह हाई-वोल्टेज ड्रामा न केवल पार्टी के भीतर बढ़ती गुटबाजी को उजागर करता है, बल्कि यह भी सवाल खड़े करता है कि क्या कांग्रेस अपनी आंतरिक चुनौतियों से पार पा सकेगी ? एक ओर पार्टी केंद्र की नीतियों के खिलाफ अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर अंदरूनी मतभेद बार-बार सड़कों और दफ्तरों तक पहुंच जाते हैं।
रजनी पाटिल का केंद्र सरकार पर हमला
इस हंगामे के बीच प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार विपक्ष की आवाज़ दबाने का प्रयास कर रही है। जिस तरह से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ बुलडोज़र चला रहे हैं, उसी तरह केंद्र सरकार विपक्ष की आवाज़ पर बुलडोज़र चला रही है।” लेकिन बंद कमरे में हुई इस राज्यस्तरीय रैली में अभियान से ज्यादा गुटबाजी हावी रही।