हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट ले ली है। जनजातीय जिला किन्नौर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और देश के आख़िरी गाँव छितकुल में सोमवार सुबह से बर्फबारी का दौर शुरू हो गया। सीजन की पहली बर्फबारी के साथ ही घाटी का हर कोना बर्फ की सफेद चादर में लिपट गया है, जिससे पूरे क्षेत्र में ठंडक और रोमांच का नया अहसास फैल गया है। पढ़ें पूरी खबर..
किन्नौर (HD News): हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर में मौसम ने करवट ले ली है। जिले के भारत-तिब्बत सीमा से सटे छितकुल गाँव में सोमवार सुबह सीजन की पहली बर्फबारी दर्ज की गई। पहाड़ों पर गिरी बर्फ की परतों ने न केवल मौसम को सर्द कर दिया है, बल्कि घाटी का नज़ारा भी मनमोहक बना दिया है।

सुबह के समय जब लोगों ने घरों से बाहर झांका तो पूरा इलाका सफेद बर्फ की चादर में ढका दिखाई दिया। संगला घाटी और छितकुल क्षेत्र में बर्फ के फाहे गिरते ही तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह बर्फबारी मौसम के बदलाव की शुरुआत है, जो सर्दियों के आगमन का संकेत दे रही है।

पर्यटकों के लिए यह दृश्य किसी स्वर्ग से कम नहीं रहा। देशभर से आने वाले सैलानियों ने बर्फबारी का आनंद लेते हुए तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए। छितकुल की बर्फीली वादियाँ अब फोटोग्राफी और व्लॉगिंग के शौकीनों के लिए एक बार फिर आकर्षण का केंद्र बन गई हैं।

मौसम विभाग ने भी आने वाले दिनों में किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और मनाली के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में और अधिक बर्फबारी की संभावना जताई है। वहीं प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सलाह दी है कि वे यात्रा के दौरान सावधानी बरतें, क्योंकि सड़कों पर फिसलन और दृश्यता में कमी देखी जा रही है।

बर्फबारी के चलते अब निचले इलाकों जैसे रिकांगपिओ, सांगला और कल्पा में भी तापमान में गिरावट शुरू हो गई है। लोगों ने सर्दी से बचाव के लिए ऊनी वस्त्र और हीटरों का सहारा लेना शुरू कर दिया है।
