हिमाचल प्रदेश विधानसभा का दशम एवं शीतकालीन सत्र 26 नवम्बर से 5 दिसम्बर, 2025 तक धर्मशाला के तपोवन विधानसभा परिसर में आयोजित होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने बताया कि यह अब तक का सबसे बड़ा सत्र होगा, जिसमें कुल आठ बैठकें होंगी। राज्यपाल की संस्तुति के उपरांत सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके बाद सभी सदस्य अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित प्रश्न और सूचनाएँ भेज सकते हैं। पढ़ें विस्तार से -
शिमला : (HD News); हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने मंगलवार को घोषणा की कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का दशम एवं शीतकालीन सत्र आगामी 26 नवम्बर से 5 दिसम्बर, 2025 तक धर्मशाला स्थित तपोवन विधानसभा परिसर में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस सत्र में कुल आठ बैठकें आयोजित की जाएँगी, जो अब तक धर्मशाला में आयोजित किसी भी सत्र से अधिक हैं।
राज्यपाल की संस्तुति के बाद अधिसूचना जारी
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि राज्यपाल महोदय की संस्तुति प्राप्त होने के उपरांत आज विधानसभा सचिवालय द्वारा सत्र की अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही अब सभी माननीय सदस्य अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित प्रश्न, सूचनाएं और गैर-सरकारी प्रस्ताव विधानसभा सचिवालय को भेज सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम उपलब्ध कराए गए हैं।

26 नवम्बर को सुबह 11 बजे सत्र का शुभारंभ
सत्र का शुभारंभ 26 नवम्बर, बुधवार को प्रातः 11:00 बजे होगा। परंपरानुसार, प्रथम दिन शोकोदगार (Obituary References) किए जाएंगे, जिसमें राज्य और देश के उन प्रमुख व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी, जिनका हाल ही में निधन हुआ है। इसके बाद शासकीय एवं विधायी कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।
8 बैठकों वाला अब तक का सबसे बड़ा सत्र
पठानियां ने कहा कि यह सत्र धर्मशाला तपोवन में आयोजित अब तक का सबसे बड़ा सत्र होगा, क्योंकि इसमें कुल आठ कार्य दिवस निर्धारित किए गए हैं। सत्र का आयोजन 26 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक किया जाएगा, जिसमें 29 नवम्बर (शनिवार) को कोई बैठक नहीं होगी और 30 नवम्बर (रविवार) को अवकाश रहेगा। इसके अतिरिक्त, 4 दिसम्बर को गैर-सरकारी सदस्य कार्य दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें विधायक अपने निजी संकल्पों और प्रस्तावों को सदन के समक्ष रख सकेंगे।
अस्थायी कार्यसूची घोषित : विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी अस्थायी कार्यसूची के अनुसार ..
26 नवम्बर (बुधवार): शोकोदगार एवं शासकीय कार्य
27 नवम्बर (गुरुवार): शासकीय/विधायी कार्य
28 नवम्बर (शुक्रवार): शासकीय/विधायी कार्य
29 नवम्बर (शनिवार): बैठक नहीं होगी
30 नवम्बर (रविवार): अवकाश
1 दिसम्बर (सोमवार): शासकीय/विधायी कार्य
2 दिसम्बर (मंगलवार): शासकीय/विधायी कार्य
3 दिसम्बर (बुधवार): शासकीय/विधायी कार्य
4 दिसम्बर (गुरुवार): शासकीय कार्य एवं गैर-सरकारी सदस्य कार्य दिवस
5 दिसम्बर (शुक्रवार): शासकीय/विधायी कार्य

जनहित और नीतिगत मुद्दों पर होगी चर्चा -
अध्यक्ष कुलदीप पठानियां ने कहा कि इस सत्र में राज्य के विभिन्न जनहित से जुड़े मुद्दों, विधायी प्रस्तावों और नीतिगत निर्णयों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार से जुड़े कई महत्वपूर्ण विधेयक इस सत्र में प्रस्तुत किए जाने की संभावना है। इसके साथ ही सदन में विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों को अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े विकासात्मक मुद्दे उठाने का पूरा अवसर मिलेगा।
तपोवन सत्र का ऐतिहासिक महत्व
उन्होंने आगे कहा कि धर्मशाला तपोवन में आयोजित होने वाले विधानसभा सत्रों का ऐतिहासिक और भावनात्मक महत्व रहा है। यह सत्र भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सत्र प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं को अभिव्यक्त करने और सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।
सूचनाओं के आदान-प्रदान की प्रक्रिया तेज
पठानियां ने कहा कि अधिसूचना जारी होने के बाद सदस्यों द्वारा भेजे जाने वाले प्रश्नों और प्रस्तावों को लेकर सचिवालय ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ पूरी कर ली हैं। सभी सदस्यों को समयबद्ध ढंग से अपनी सूचनाएं भेजने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सत्र के दौरान पारदर्शिता और दक्षता बनी रहे।
सदन से जुड़ी तैयारियाँ जारी
विधानसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, सत्र की तैयारियाँ युद्ध स्तर पर जारी हैं। अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षा एजेंसियों को धर्मशाला तपोवन में तैनात किया जा रहा है। सत्र के दौरान सुरक्षा, मीडिया कवरेज, जनसुविधा और तकनीकी व्यवस्थाओं को लेकर विशेष योजना तैयार की जा रही है।
राज्य की दिशा तय करेगा यह सत्र
अध्यक्ष कुलदीप पठानियां ने अंत में कहा कि यह शीतकालीन सत्र प्रदेश की नीतिगत दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है। उन्होंने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे जनता से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर सदन में रखें और रचनात्मक विमर्श के माध्यम से लोकतंत्र को और सशक्त बनाएं।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां द्वारा घोषित यह शीतकालीन सत्र हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बिंदु बनने जा रहा है। आठ बैठकों वाले इस सत्र में न केवल महत्वपूर्ण विधायी कार्य संपन्न होंगे, बल्कि राज्यहित से जुड़े कई अहम मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। धर्मशाला के तपोवन में आयोजित यह अब तक का सबसे बड़ा सत्र प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं, नीतिगत निर्णयों और विकास की दिशा तय करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।