हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक में शासन, राहत, स्वास्थ्य और सुरक्षा ढांचे से जुड़े कई बड़े फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पंचायतों के पुनर्गठन के निर्णय को फिर से लागू करने पर सहमति बनी, जिससे आगामी पंचायत चुनावों की समयबद्धता पर सवाल गहराने लगे हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग में 1, 000 रोगी मित्रों और पुलिस विभाग में 800 कांस्टेबलों की भर्ती सहित कई प्रशासनिक मंजूरियों पर मुहर लगी, जिनका प्रत्यक्ष प्रभाव जनता और सरकारी सेवाओं पर पड़ेगा।
शिमला: (HD News); मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्यहित से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में आपदा प्रभावित परिवारों को घरेलू सामान के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि 70, 000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही आग लगने की स्थिति में पूर्णतः क्षतिग्रस्त घरों के लिए सात लाख रुपये का विशेष सहायता पैकेज स्वीकृत किया गया। आपदा की स्थिति में हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए वायुसेना को 4.32 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी प्रदान की गई।
बैठक में प्रदेश में पंचायतों के पुनर्गठन का निर्णय लिया गया, जिससे प्रशासनिक ढांचे में बदलाव की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। मनरेगा के तहत 150 दिनों का रोजगार उपलब्ध करवाने पर भी सहमति बनी। व्यक्तिगत कार्यों के अंतर्गत रिटेनिंग वॉल निर्माण के लिए दो लाख रुपये तक की राशि प्रदान करने का निर्णय भी मंत्रिमंडल ने लिया।

स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के उद्देश्य से मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य विभाग में 1000 रोगी मित्रों की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की। इसके अतिरिक्त डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में नौ सुपर स्पेशियलिटी विभागों के सृजन और 73 पदों को भरने का निर्णय लिया गया। वहीं टांडा मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी विभाग के लिए 27 सीनियर रेजिडेंट पदों के सृजन को मंजूरी मिली। मंडी जिला के नेरचौक मेडिकल कॉलेज में नई पुलिस पोस्ट खोलने तथा आवश्यक पदों को भरने की भी स्वीकृति दी गई।
पुलिस विभाग में क्षमता विस्तार को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने 800 कांस्टेबल पदों के सृजन और भरने को स्वीकृति प्रदान की। इसके अलावा विभाग में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के पांच पदों तथा धर्मशाला क्षेत्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में डिजिटल फॉरेंसिक सुविधा के लिए पांच पदों का सृजन और भरने को मंजूरी मिली। एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स को स्पेशल टास्क फोर्स में विलय कर एकीकृत एजेंसी बनाने तथा पंचायत स्तर पर एंटी-चिट्टा अभियान चलाने का निर्णय भी बैठक में लिया गया। सड़क सुरक्षा के लिए हाईवे पेट्रोलिंग हेतु दस इलेक्ट्रिक बाइकों की खरीद को भी मंजूरी दी गई।

अग्निशमन सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए सोलन जिला के कंडाघाट और सिरमौर जिला के राजगढ़ में उप-अग्निशमन केंद्र खोलने, 46 पदों के सृजन तथा चार फायर टेंडर खरीदने का निर्णय लिया गया। वहीं जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग में 150 कनिष्ठ अभियंताओं को जॉब ट्रेनी के रूप में रखने को स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमंडल ने सामाजिक सुरक्षा को विस्तार देते हुए 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले सभी व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करने का निर्णय लिया। दिव्यांग व्यक्तियों के अभिभावकों के सरकारी नौकरी से जुड़े पुराने पात्रता प्रतिबंध को समाप्त कर दिया गया। राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना-2023 के तहत 1000 पेट्रोल और डीजल टैक्सियों को इलेक्ट्रिक टैक्सी में बदलने हेतु 40 प्रतिशत सब्सिडी को भी मंजूरी दी गई।
शिक्षा क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर को समर्पित विज्ञान महाविद्यालय में परिवर्तित करने और एकीकृत बी.एड (बी.एससी.) कार्यक्रम शुरू करने को स्वीकृति प्रदान की गई। धर्मशाला, नादौन, चायलकोटी और टिक्कर में चार वर्षीय एकीकृत बी.एड कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया। सरस्वती नगर में दो वर्षीय बी.पी.एड कार्यक्रम आरंभ करने, लोहराब स्थित फाइन आर्ट्स कॉलेज में नए विषय शुरू करने तथा हरिपुर गुलेर कॉलेज को फाइन आर्ट्स महाविद्यालय में रूपांतरित करने का फैसला किया गया। इसके साथ सरकारी स्कूलों के 805 प्रधानाचार्यों की पदोन्नति के लिए डीपीसी आयोजित करने की मंजूरी भी प्रदान की गई।

बैठक में प्रशासनिक ढांचे में बदलाव से जुड़े निर्णय भी शामिल रहे। हरिपुर और बिलासपुर कानूनगो वृत्तों का विभाजन कर बनखंडी में नया कानूनगो वृत्त बनाया जाएगा। बमसन और हमीरपुर विकास खंडों के पुनर्गठन को भी मंजूरी दी गई। वन भूमि पर खनिज रियायतों के अनुदान के लिए आशय पत्र जारी करने का अधिकार वन विभाग को प्रदान करने पर सहमति बनी।
कुल मिलाकर, मंत्रिमंडल के ये निर्णय राज्य में संरचनात्मक बदलाव, मानव संसाधन सुदृढ़ीकरण और जनहित आधारित राहत प्रावधानों की दिशा में ठोस कदम माने जा रहे हैं। पंचायत पुनर्सीमांकन से प्रशासनिक स्तर पर नए समीकरण बनेंगे, जबकि स्वास्थ्य और पुलिस विभाग में भर्तियाँ सेवा दक्षता को बढ़ाने की उम्मीद जगाती हैं। आपदा राहत राशि में बढ़ोतरी प्रभावित परिवारों के लिए राहतकारी साबित होगी, वहीं क्षेत्रीय प्रशासनिक जरूरतों के अनुरूप नए पटवार सर्किल और रेस्क्यू ऑपरेशन भुगतान जैसे फैसले स्थानीय स्तर पर शासन को और अधिक समर्थ बनाने की दिशा में संकेत देते हैं।