शिमला : (HD News); राजधानी शिमला के आईजीएमसी (IGMC) अस्पताल में 'सफ़ेदपोश गुंडागर्दी' के खिलाफ सुक्खू सरकार ने जो सर्जिकल स्ट्राइक की है, उसका असर अब धरातल पर दिखने लगा है। आरोपी डॉक्टर के टर्मिनेशन के बाद आज पीड़ित मरीज अर्जुन सिंह का वो बयान सामने आया है, जो न केवल इंसाफ की गवाही दे रहा है, बल्कि उन तमाम अहंकारी रसूखदारों के लिए चेतावनी भी है जो जनता को पैर की जूती समझते हैं। अस्पताल के बिस्तर पर ऑक्सीजन मास्क लगाए अर्जुन सिंह के चेहरे पर आज दर्द से ज़्यादा 'न्याय' का सुकून नज़र आ रहा है।

अस्पताल के बेड से पीड़ित की दहाड़: "सुक्खू सरकार ने पेश की मिसाल"
ऑक्सीजन सपोर्ट पर होने के बावजूद अर्जुन सिंह ने अटूट हौसले के साथ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का आभार जताया है। पीड़ित ने साफ़ शब्दों में कहा कि सरकार ने जिस त्वरित गति से आरोपी डॉक्टर को बाहर का रास्ता दिखाया है, उसने प्रदेश के लाखों गरीब मरीजों के मन में व्यवस्था के प्रति फिर से विश्वास जगा दिया है। अर्जुन सिंह के अनुसार, यह लड़ाई केवल उनकी नहीं थी, बल्कि हर उस लाचार इंसान की थी जिसे रसूख के नशे में चूर लोग अपनी जागीर समझते हैं।

डॉक्टरों के 'अहंकारी सिंडिकेट' पर करारी चोट
इस मामले में सबसे बड़ी जीत उन डॉक्टरों की हार है जो गुंडागर्दी का समर्थन कर रहे थे। पीड़ित मरीज ने अस्पताल प्रशासन द्वारा गठित जांच कमेटी की भी सराहना की, जिसने बिना किसी दबाव के सच का साथ दिया। अर्जुन सिंह ने कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णय आने वाले समय में उन 'सफेदपोश भक्षकों' के लिए एक नजीर बनेगा जो मरीज के इलाज के बजाय उन पर हाथ उठाना अपनी बहादुरी समझते हैं। अब आईजीएमसी के गलियारों में दादागिरी नहीं, बल्कि 'मरीज का सम्मान' प्राथमिकता होगा।
HD News का बेबाक नज़रिया: "अब शुरू होगा सुधार का दौर"
जब रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो न्याय की उम्मीद केवल एक मज़बूत राजनीतिक इच्छाशक्ति से ही की जा सकती है। अर्जुन सिंह का यह बयान उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जो इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश में जुटे थे। HD News ने पहले दिन से ही इस मुद्दे को न केवल प्रमुखता से उठाया, बल्कि आरोपी डॉक्टर के अहंकार को बेनकाब भी किया। आज जब पीड़ित खुद सरकार के फैसले पर संतोष जता रहा है, तो यह स्पष्ट है कि हिमाचल में अब 'अंधेरगर्दी' के दिन खत्म हो चुके हैं।

सेवा का संकल्प या अहंकार का अंत?
यह घटना केवल एक डॉक्टर के टर्मिनेशन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह चिकित्सा जगत के लिए आत्ममंथन का समय है। मरीज अस्पताल में उम्मीद लेकर आता है, खौफ नहीं। मुख्यमंत्री सुक्खू के इस कड़े फैसले ने यह संदेश साफ़ कर दिया है कि हिमाचल की जनता के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ करने वाला चाहे कितना भी बड़ा रसूखदार क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। अर्जुन सिंह का 'धन्यवाद' आज प्रदेश के हर उस आम आदमी की आवाज़ है जो न्याय के लिए तरसता है।
Himdarshan.com (HD News) चिकित्सा जगत और सभी डॉक्टरों का पूर्ण सम्मान करता है। हमारी आलोचना किसी पेशे के खिलाफ नहीं, बल्कि उस विशेष घटना और व्यक्ति के आचरण के खिलाफ है जो सार्वजनिक रूप से उजागर हुई है।
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