राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घड़याच के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में शिक्षा और सामाजिक सरोकार का एक प्रेरणादायक अध्याय जुड़ा, जब मुख्य अतिथि एवं वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र ठाकुर ने अपनी माता की स्मृति में मेधावी विद्यार्थियों के लिए 'स्थायी छात्रवृत्ति योजना' शुरू करने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय के सर्वांगीण विकास हेतु ₹1 लाख की विशेष आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ संस्थान को गोद लेने का भी निर्णय लिया, ताकि ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को आधुनिक संसाधन और बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिल सके। पढ़ें पूरी खबर..
अर्की (सोलन) : हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र ठाकुर ने सामाजिक सरोकार और मातृ-भक्ति का एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिसकी चर्चा आज पूरे क्षेत्र में हो रही है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घड़याच के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे वीरेंद्र ठाकुर ने अपनी स्वर्गीय माता की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए विद्यालय में एक स्थायी छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की और साथ ही स्कूल के विकास के लिए ₹1 लाख की बड़ी आर्थिक सहायता की घोषणा की।

छात्रवृत्ति से संवरेगा मेधावियों का भविष्य
समारोह को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र ठाकुर ने कहा कि एक सफल समाज के निर्माण के लिए शिक्षा की नींव मजबूत होना अनिवार्य है। उन्होंने अपनी माता की स्मृति में मेधावी विद्यार्थियों के लिए स्थायी छात्रवृत्ति योजना का ऐलान किया, जो आने वाले वर्षों में भी निरंतर जारी रहेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को आर्थिक अभाव के कारण पीछे रहने से रोकना और उन्हें प्रोत्साहित करना है।
विद्यालय को लिया गोद, इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ₹1 लाख का ऐलान
शिक्षा के प्रति अपने समर्पण को और अधिक सुदृढ़ करते हुए वीरेंद्र ठाकुर ने आधिकारिक रूप से घोषणा की कि उन्होंने इस विद्यालय को गोद लिया है। उन्होंने विद्यालय के सर्वांगीण विकास हेतु ₹1 लाख की धनराशि प्रदान करने की घोषणा की, जिसका उपयोग खेल प्रतिभाओं के लिए कबड्डी मैट, सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए कल्चरल किट और अन्य आवश्यक शैक्षणिक संसाधनों को जुटाने में किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए वह भविष्य में भी हर संभव सहायता के लिए तत्पर रहेंगे।

अनुशासन और नशे के खिलाफ युवाओं को दी 'सीख'
अपने ओजस्वी संबोधन में मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों को जीवन के तीन मूल मंत्र—कड़ी मेहनत, अनुशासन और नैतिक मूल्य—सिखाए। उन्होंने युवाओं को वर्तमान समय की सबसे बड़ी बुराई 'नशे' से दूर रहने की कड़ी चेतावनी दी और अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों के सर्वांगीण विकास और उनकी संगति पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि एक शिक्षक ही राष्ट्र के भविष्य का शिल्पकार होता है।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां, मेधावी हुए पुरस्कृत
इससे पूर्व, कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यवाहक प्रधानाचार्य अमरदेव एवं एसएमसी अध्यक्ष खेमराज ठाकुर द्वारा मुख्य अतिथि के भव्य स्वागत के साथ हुआ। प्रधानाचार्य ने विद्यालय की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट साझा की। समारोह के दौरान विद्यार्थियों ने रंगारंग हिमाचली और देशभक्तिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों की ऐसी छटा बिखेरी कि समूचा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कार्यक्रम के अंत में शैक्षणिक और खेल गतिविधियों में अव्वल रहे विद्यार्थियों—मानव, कमल किशोर, मनीष, राधिका, हिमांशु, सुहानी, योगिता, सानिया, सिमरन, दीक्षा और रमन को मुख्य अतिथि द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

गरिमामयी उपस्थिति
इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने के लिए विशेष अतिथि दीपक सैनी व मनीष बहाल, एसएमसी अध्यक्ष खेमराज ठाकुर, आबकारी विभाग से कमल, ग्राम पंचायत कुंहर की प्रधान निशा ठाकुर, पूर्व प्रधान अमर सिंह ठाकुर सहित विद्यालय के शिक्षक, भारी संख्या में अभिभावक और स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।
वीरेंद्र ठाकुर की यह पहल समाज के अन्य सक्षम नागरिकों के लिए एक मार्गदर्शक का कार्य करेगी कि किस प्रकार अपनी जड़ों और मातृ-स्मृति को सम्मान देते हुए शिक्षा के मंदिर को समृद्ध किया जा सकता है।

घड़याच विद्यालय में आयोजित यह समारोह केवल वार्षिक उपलब्धियों के जश्न तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह शिक्षा के प्रति सामाजिक उत्तरदायित्व और संवेदनशील नेतृत्व का एक जीवंत संदेश बनकर उभरा। वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र ठाकुर द्वारा अपनी जड़ों से जुड़कर शिक्षा के मंदिर को समृद्ध करने की यह पहल, समाज के अन्य समर्थ वर्गों के लिए भी एक मार्गदर्शक का कार्य करेगी। उनकी इस उदारता से न केवल विद्यालय का बुनियादी ढांचा मज़बूत होगा, बल्कि मेधावी छात्र भी आर्थिक चिंताओं से मुक्त होकर अपने सुनहरे भविष्य की नींव रख सकेंगे।