सावन का महीना शुरू हो गया है। सावन भोले बाबा का प्रिय महीना होता है। इसमे की गई बाबा की पूजा से वे शीघ्र अपने भक्तों के मनोरथ पूर्ण करते हैं और सभी परेशानियों को हर लेते हैं। सावन के महीने में भक्तिभाव से शिव आराधना करने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होकर अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेते हैं। शिवपुराण की रूद्र संहिता में विभिन्न प्रकार के अन्नों(धान्यों) से शिवपूजा का फल अलग-अलग बताया गया है।
चावल अर्पित
शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव पर अखंड चावल चढ़ाने से उपासक को लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। शिवजी के ऊपर भक्तिभाव से एक वस्त्र चढ़ाकर उसके ऊपर चावल रखकर समर्पित करना और भी उत्तम माना गया है।
तिल से पूजा
शिवजी पर तिल अर्पित करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट होते है, एवं शनिजन्य दोषों से मुक्ति के लिए भगवान शिव पर काले तिल अर्पित करने चाहिए।
मूंग द्वारा
यदि मूंग से पूजा की जाए तो भगवान शिव मनुष्य को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
कंगनी
कंगनी द्वारा सर्वाध्यक्ष परमात्मा शिव का पूजन करने से उपासक के धर्म, अर्थ और काम-भोग की वृद्धि होती है तथा वह पूजा समस्त सुखों को देने वाली होती है।
इन उपायों से प्रसन्न होते हैं भोले बाबा 1. सावन में सोमवार को पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक करते समय ऊं जूं स: मंत्र का जाप करते रहें, बीमारी से छुटकारा मिलेगा।
2. सावन में प्रतिदिन 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं, इससे आपकी सभी मनोकामनाएं भोलेनाथ पूर्ण करेंगे।
3. यदि आपके विवाह में अड़चन आ रही है तो सावन में रोज शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं, इससे जल्दी ही आपके विवाह के योग बन सकते हैं।
4. सावन में रोज नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं, इससे कष्टों का निवारण होगा, जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और मन प्रसन्न रहेगा।
5. श्रावण में गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी तथा पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
6. सावन के महीने में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान करके समीप स्थित किसी शिव मंदिर में जाएं और भगवान शिव का जल से अभिषेक करें और उन्हें काले तिल अर्पण करें। इसके बाद मंदिर में कुछ देर बैठकर मन ही मन में ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें, इससे मन को शांति मिलेगी और रोग-शोक दूर होंगे इन सरल उपायों से भोले प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के दुख क्लेश दूर करते हैं।