किन्नौर: 6 फ़रवरी (हि.द.स.); हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.1 आंकी गई। रविवार सुबह करीब 11:27 बजे आए इस भूकंप का केंद्र किन्नौर में जमीन के अंदर करीब 10 किलोमीटर गहराई पर था। भूकंप के झटके महसूस होते ही कई लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों की ओर गए। हालांकि, भूकंप से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से किन्नौर में भूकंप आने की पुष्टि की गई है। इससे पहले शनिवार को कुल्लू जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
हिमाचल भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील वर्ग में आता है। 4 अप्रैल 1905 को हिमाचल में 7.8 तीव्रता वाला बड़ा भूकंप आ चुका है। इसके बाद हिमाचल में बड़े भूकंप अक्सर आते रहे हैं। 28 फरवरी 1906 को कुल्लू में 6.4 तीव्रता वाला भूकंप आया था। वर्ष 1930 में भी 6.10 तीव्रता वाला भूकंप आया था। इसके बाद वर्ष 1945 में 6 और 1975 में 6.8 तीव्रता वाला भूकंप आया था। प्रदेश के चंबा, कुल्लू, कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, मंडी, बिलासपुर सिस्मिक जोन पांच और लाहौल स्पीति, शिमला, सिरमौर, सोलन जोन चार में आते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार लोगों को बेतरतीब निर्माण के बजाय भूकंपरोधी घर ही बनाने चाहिए ताकि आपदा के समय उनकी जिंदगी बच सके।
1905 के भूकंप में 20 हजार से ज्यादा गई थीं जानें
कांगड़ा में 4 अप्रैल, 1905 की अलसुबह आए 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप में 20 हजार से ज्यादा इंसानी जानें चली गई थीं। भूकंप से एक लाख के करीब इमारतें तहस-नहस हो गई थीं, जबकि 53 हजार से ज्यादा मवेशी भी भूकंप की भेंट चढ़ गए।