हिमाचल सरकार की उदासीनता से शहर में आवारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। बावूजद इससे निपटने के लिए सरकार कोई ठोस उपाय नहीं कर रही है। प्रदेश भर में आवारा पशुओं के उत्पात से लोगों में भय का माहौल बन हुआ है। सड़कों पर आवारा पशु घूम रहे हैं। हर दिन दुर्घटनाएं हो रही है। जिला कांगड़ा में एक महीने के भीतर बैल के हमले से जिले में तीसरी मौत हो गई है। पढ़ें विस्तार से..
कांगड़ा : (HD News); जिले में लावारिस पशुओं के हमले के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अब बुधवार दोपहर बाद पालमपुर उपमंडल के पंचरुखी में एक 72 वर्षीय महिला को खेतों में एक सांड ने पटक-पटककर मौत के घाट उतार दिया। मृतका की पहचान शुक्री देवी पत्नी बांकू राम ग्राम पंचायत बदेहड़ के रूप में हुई है।
परिजनों के अनुसार लावारिस पशु उनके खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे। इस पर बुधवार शाम को शुक्री देवी खेतों में उसे खदेड़ने के लिए मौके पर पहुंची, लेकिन बैल ने महिला को दौड़ाते हुए पीछे से हमला कर दिया। इसके चलते शुक्री देवी ने खेत में ही दम तोड़ दिया। पंचायत प्रधान बलदेव सिंह ने कहा कि बैल के हमले से उनकी पंचायत में महिला की मौत हुई है। संबंधित परिवार बीपीएल सूची में है। उन्होंने प्रशासन से पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद करने और बेसहारा पशुओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
एक महीने के भीतर बैल के हमले से जिले में तीसरी मौत
6 फरवरी को जिले उपमंडल जवाली के तहत ग्राम पंचायत लुधियाड़ में एक बेसहारा बैल के हमले से 85 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई है। मृतक की पहचान प्रकाश चंद (85) पुत्र जैसी राम निवासी दरकाटी (लुधियाड़) के रूप में हुई है। वह आंगन में बैठे थे। इस दौरान बेसहारा बैल ने उन्हें पटक-पटक कर मार दिया।
24 जनवरी को पुलिस थाना शाहपुर के अंतर्गत धनोटू में ललेहटा गांव के वन विभाग से सेवानिवृत्त जगदीप सिंह को एक बेसहारा बैल ने पटक-पटककर मार दिया था। सीसीटीवी फुटेज के माध्यम इसका खुलासा हुआ था। सीसीटीवी फुटेज में पता चला कि जगदीप सिंह पर बेसहारा बैल ने हमला किया और सात मिनट तक बैल व्यक्ति पर प्रहार करता रहा, जिससे उसकी मौत हो गई।