राजधानी से लगते क्षेत्र लोअर भराड़ी के पास रग्यान-भोंट सड़क पर पिछले साल भारी बरसात में भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुई सड़क की अभी तक मरम्मत नहीं करवाई गई है। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हैं। सड़क के आसपास मलबा पड़ा हुआ है। सड़क की खराब हालत से वाहनों की आवाजाही में दिक्कतें पेश आ रही है। पढ़ें विस्तार से..
शिमला: ( HD News); लक्कड़ बाजार बस अड्डे से भराड़ी की तरफ जाने वाली सड़क की हालत खस्ता हो चुकी है। जोकि दर्जनों गांवों को राजधानी शिमला से जोड़ती है। लेकिन आलम ये है कि इस सड़क पर जगह जगह गहरे गड्ढे बन चुके हैं। जिस कारण लोगों का सड़क से गुजरना मुश्किल हो गया है। कहीं-कहीं तो इस सड़क पर फीट-फिट गहरे गड्ढे बन चुके हैं।
लोअर भराड़ी के समीप रग्यान सड़क का आधा हिस्सा करीब एक साल पहले हुई बरसात से धसा हुआ है। बस चालक भी जान जोखिम में डाल कर बसें चला रहें है। इससे न केवल वाहनों की दुर्गति बल्कि प्रतिदिन बसों में सफर कर रहे सैकड़ों लोगों की जान को खतरा बना हुआ है। कभी भी इस क्षतिग्रस्त सड़क पर बड़ा हादसा हो सकता है।
हादसे के इंतजार में क्षतिग्रस्त सड़क, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क काफी जर्जर हो गया है। जिस कारण यहां से वाहन लेकर गुजरना खतरनाक हो गया है। कभी भी हादसा हो सकता है। स्थानीय निवासी वीरेंद्र, कमल, दीक्षित, अनिता, प्रेम लता, हर्षा, सुरेंद्र, अमित, राकेश डोगरा और जगन्नाथ कनैन का कहना है कि संबंधित अधिकारियों का टूटी सड़क की ओर कोई ध्यान नहीं है।
स्थााानी लोगों कहना है कि चुनाव के समय तो नेता वोट लेने के लिए इस क्षेत्र का विकास करने संबंधी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। लेकिन सत्ता में आने के बाद यहां उनके द्वारा कितने विकास कार्य करवाए जाते हैं। उसका अंदाजा करीब एक साल से टूटी हुई बदहाल सड़कों को देखकर आसानी से कोई भी लगा सकता है।
भराड़ी के पास रग्यान-भोंट सड़क करीब एक साल पहले हुए भूस्खलन से क्षतिग्रस्त, विभाग बना है मूकदर्शक
स्थानीय लोगों का कहना है कि जनता सरकार बनाती है तो अपनी सुविधाओं के लिए लेकिन नेता कुर्सी पर बैठते ही जन समस्याओं को भूलकर सिर्फ सत्ता के नशे में चूर हो जातें है उन्हें केवल चुनाव के दौरान ही जनता की याद आती है। सरकार का भी दायित्व बनता है कि आमजन की समस्याओं के प्रति केवल ध्यान दे, बल्कि लोगों को उनसे निजात दिलाने का प्रयास भी करे। लोगों ने सम्बन्धित विभाग से सड़क की शीघ्र ही मरम्मत कराने की मांग की है।
ग़ौरतलब है कि जानकारी होने के बाद भी विभाग करीब एक साल से मौन साधे हुए है तथा क्षेत्रीय लोग क्षतिग्रस्त मार्ग से आवागमन के लिए मजबूर है। हालांकि वाहनों की सुरक्षा के दृष्टिगत सड़क के एक तरफ पत्थर रख दिये है पर वाहनों की आवाजाही मिट्टी के ढेर पर से हो रही है, बारिश के चलते कभी भी सड़क का बचा हुआ हिसा बड़े हादसे का कारण बन सकता है लेकिन विभाग आज भी उदासीन बना हुआ है और किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।