राजधानी शिमला की सड़कों पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। सड़कों पर पड़े गड्ढों के कारण वाहन चालकों के साथ राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों की खस्ता हालत सरकार और प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है। एक ओर जहां प्रशासन और सरकार की ओर से विकास के लंबे चौड़े दावे किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अगर शहर की सड़कों पर नजर डाली जाए तो यहां की खस्ताहाल सड़कें कुछ और ही बयां कर रही हैं। ऑकलैंड से संजौली जाने वाली सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे बने हुए हैं, जिसके कारण दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो रहे हैं। IGMC गेट के सामने हो रहे निर्माण के चलते करीब 50 मीटर तक रोड़ टूटा पड़ा है। लगातार जर्जर हो रही सड़क मार्गों की हालत ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है। पढ़ें पूरी खबर..
शिमला: (HD News); शिमला को स्मार्ट सिटी का तमगा तो मिल हुआ है तथा स्मार्ट सिटी के नाम से शिमला में करोड़ों रुपये भी पानी की तरह बहाए जा रहें है, लेकिन शहरवासियों को इसका लाभ आज तक नहीं मिला है। स्मार्ट सिटी की स्मार्टनेस को सबसे ज्यादा धूमिल जिस चीज ने किया है, उनमें शहर की सड़कों का बड़ा योगदान है। राजधानी शिमला की सुंदरता को देखने और स्वागत यहां की खस्ताहाल सडक़ों से होता है। शहर के ऑकलैंड टनल से संजौली वाईपास तक सडक़ गड्ढों में तबदील सड़क पर हर रोज किसी न किसी वाहन का टायर पैंचर या फिर दो पहिए वाहन अक्सर खस्ताहाल सडक़ के कारण चोटिल होते हैं।
बता दें कि ऊपरी शिमला क्षेत्रों सहित करसोग की ओर जाने वाले वाहन इसी मार्ग से होकर जाते हैं। बावजूद इससे भी सडक़ को दुरुस्त नहीं किया जाता है। बता दें कि शिमला शहरी विधायक व सरकारी अधिकारी और कर्मचारी इसी सडक़ का इस्तेमाल अधिकतर करते हैं। लेकिन इस सडक़ का मुरम्मत कार्य फिर भी नहीं किया जाता है। सभी नेता और आलाधिकारी इस सड़क पर आंखे मूंदकर सफर कर रहें है।
ऑकलैंड से संजौली तक लगने वाले जाम से पूरा शहर परेशान
यहां के स्थानीय लोगों ने सडक़ को दुरुस्त करने के लिए कई बार शिकायत की बावजूद लोक निर्माण विभाग के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। इस सड़क की खस्ताहाल की खबरें मीडिया में खूब वायरल हो रही है लेकिन सरकार और विभाग आंखों में पट्टी बांद कर बैठा हुआ है। लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार विकास की बात करती है, लेकिन राजधानी की ही सडक़ें खस्ताहाल हैं। ऐसे में विकास की बात करने का क्या ही फायदा है। सड़कों के खस्ताहाल होने से शिमला की छव्वी भी खराब हो रही है।
बता दें कि खस्ताहाल सड़के होने के कारण रोजाना सड़कों पर लंबा जाम लग रहा है। जाम के बीच छोटे बड़े हादसे भी आए दिन सामने आ रहे हैं। बड़े वाहन अधिकतर सामान से लद्दे होते हैं ऐसे में इन वाहनों के दुर्घनाग्रस्त होने का खतरा भी बना रहता है। खराब सड़कों के कारण धूल मिट्टी उड़ती है।
जिस कारण सड़क किनारे बने पैदल रास्तों में लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। संजौली-ऑकलैंड टनल तक सबसे ज्यादा सडक़ आईजीएमसी के पास और संजौली कालेज के पास सबसे ज्यादा सडक़ खस्ताहाल हैं, वहीं अस्तपाल आने वाले मरीजों को भी इन सडक़ों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बता दें कि खस्ताहाल सडक़ें होने के कारण रोजाना सडक़ों पर लंबा जाम लग रहा है। जाम के बीच छोटे बड़े हादसे भी सामने आ रहे हैं। बड़े वाहन अक्सर सामान से लद्दे होते हैं ऐसे में इन वहानों के गिरने का खतरा भी बना रहता है। खराब सडक़ो के कारण धूल मिट्टी उड़ती है। आईजीएमसी के पास और संजौली कालेज के पास सबसे ज्यादा सडक़ खस्ताहाल हैं, और इन्ही क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा आवाजाही भी होती है। अस्तपाल आने वाले मरीजों को भी इन सडक़ों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।