ऊना : (HD News); गगरेट से कांग्रेस विधायक रहे और वर्तमान में भाजपा नेता चैतन्य शर्मा व उनके दो कारिंदों पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। भद्रकाली गांव के एक ठेकेदार ने उनके खिलाफ लोक निर्माण विभाग में काम दिलाने की एवज में आठ लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप लगाकर गगरेट पुलिस थाना में धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र रचने का मामला दर्ज करवाया है। गगरेट पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपों की जांच शुरू कर दी है।
भद्रकाली गांव के सरकारी ठेकेदार सुरेंद्र कुमार भोला ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि वह जनवरी 2024 में गगरेट के तत्कालीन विधायक चैतन्य शर्मा से उनके निवास स्थान अभयपुर में मिले। उन्होंने विधायक को लोक निर्माण विभाग में कोई काम दिलाने का आग्रह किया।
इस पर विधायक ने कहा कि इस बारे में उनके सहयोगी महेश यादव व हर्षित तिवारी से मिलें। मैं उन्हें बोल देता हूं। वे जैसा कहें आप वैसा करें। सुरेंद्र कुमार भोला के अनुसार चैतन्य शर्मा के कहे अनुसार पहली फरवरी वर्ष 2024 को वह सुबह के समय तत्कालीन विधायक चैतन्य शर्मा के निवास स्थान पर जाकर महेश यादव व हर्षित तिवारी से मिले।
उन्होंने कहा कि काम के बदले आठ लाख रुपये देने होंगे। महेश यादव व हर्षित तिवारी ने उसे एसबीआई का अकाउंट नंबर दिया और कहा कि छह लाख रुपये इसमें डाल दो और दो लाख रुपये कैश देने होंगे। उन्होंने उसी दिन उत्तराखंड के इस अकाउंट में केनरा बैंक की दौलतपुर चौक शाखा से छह लाख रुपये डाल दिए और दो लाख रुपये महेश यादव व हर्षित तिवारी को तत्कालीन विधायक के घर जाकर नकद दिए।
सुरेंद्र कुमार भोला का आरोप है कि पैसे देने के बावजूद उसे लोक निर्माण विभाग में कोई ठेका नहीं दिलाया गया, न ही पैसे वापस दे रहे हैं। डीएसपी डाॅ. वसुधा सूद का कहना है कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश : चैतन्य
पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा का कहना है कि यह मेरे खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है। मुझे न तो पैसे दिए गए और न ही मेरे किसी खाते में पैसे जमा करवाए गए। अगर किसी ने कोई पैसे लिए हैं, तो कानून के अनुसार उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। यह मेरे खिलाफ षड्यंत्र है, लेकिन हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। ऐसे लोगों के खिलाफ मानहानि का केस करेंगे। कहा की पुलिस विभाग को भी बिना जांच पड़ताल के केस दर्ज नहीं करना चाहिए।