"शिमला की शांत वादियों में अब डर का साया मंडरा रहा है। सुबह की सैर हो या रात का सफर, शहर की सड़कों पर घूमते आवारा कुत्तों का आतंक लोगों के लिए खतरे की घंटी बन चुका है। ताजा घटना संजौली की है, जहां एक महिला पर सुबह-सुबह जानलेवा हमला हुआ। सवाल ये है कि नगर निगम और प्रशासन कब जागेगा..?"
शिमला, 19 मई: (HD News); राजधानी शिमला में आवारा कुत्तों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ताज़ा मामला आज सुबह 4:00 बजे का है जब पुलिस थाना संजौली के सामने एक महिला पर आवारा कुत्तों ने अचानक हमला कर दिया। यह पूरा घटनाक्रम CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हुआ है।
महिला पर हमला इतना खतरनाक था कि कुछ ही क्षणों की देरी एक बड़ी दुर्घटना में बदल सकती थी। मौके पर तैनात पुलिस जवान ने बिना समय गंवाए बहादुरी दिखाते हुए महिला को कुत्तों के चंगुल से सुरक्षित निकाला और उसकी जान बचाई।

स्थानीय लोगों का कहना है कि शिमला शहर में हर दिन आवारा कुत्तों के हमले के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। नागरिकों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा, "क्या प्रशासन किसी बड़ी अनहोनी के इंतजार में है ?"
पूर्व में भी आए दिन लोग घायल हो रहे हैं, बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है। लेकिन इसके बावजूद नगर निगम द्वारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनके आक्रामक व्यवहार को लेकर अब तक कोई स्पष्ट कार्य योजना सामने नहीं आई है।
"शहर की सड़कों पर हर दिन बढ़ते आवारा कुत्तों के हमले न सिर्फ जनसुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि यह प्रशासन की उदासीनता का आईना भी हैं। समय रहते अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में ऐसी घटनाएं और भयावह रूप ले सकती हैं। अब वक्त आ गया है कि नगर निगम और जिला प्रशासन जागे और जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दे।"
