हिमाचल प्रदेश एक बार फिर प्रकृति के कहर का गवाह बना, जब कुल्लू जिले के निरमंड ब्लॉक के जगातखाना गांव में शनिवार शाम बादल फटने की भयावह घटना हुई। अचानक आए पानी और मलबे के तेज बहाव में सड़क किनारे खड़ी करीब 15 गाड़ियां बह गईं। इस आपदा ने न केवल स्थानीय लोगों को दहशत में डाल दिया, बल्कि प्रदेश में मौसम की गंभीरता की ओर भी इशारा किया है। साथ ही, शिमला, कुल्लू, चंबा, लाहौल समेत आठ जिलों में भारी बारिश और अंधड़ की चेतावनी ने चिंता बढ़ा दी है।
रामपुर/कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के निरमंड ब्लॉक स्थित जगातखाना में शनिवार शाम बादल फटने की बड़ी घटना सामने आई। इससे एक नाले में अचानक बाढ़ आ गई और सड़क किनारे खड़ी लगभग 15 गाड़ियां मलबे के साथ बहकर सतलुज नदी में जा पहुंचीं।
रामपुर क्षेत्र में ओलावृष्टि के कारण सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, तीन सड़कों पर यातायात ठप हो गया था, जिन्हें देर रात तक बहाल कर दिया गया।

बर्फबारी और बारिश ने बिगाड़ा जनजीवन
चंबा के पांगी व भरमौर की ऊंची चोटियों और रोहतांग दर्रे पर ताजा बर्फबारी हुई है। शिमला, कुल्लू, लाहौल, चंबा व धर्मशाला में जोरदार बारिश दर्ज की गई। वहीं, मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर में मौसम साफ बना रहा। ऊना में अधिकतम तापमान 39.2°C तक पहुंच गया।
बंजार, आनी और कोकसर घाटी में बारिश के कारण रबी की फसल की कटाई व लहसुन उत्पादन पर असर पड़ा है। कांगड़ा जिले के धर्मशाला, देहरा व पालमपुर में दोपहर के बाद तेज बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया।

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आठ जिलों में अलर्ट, 20 जून तक आ सकता है मानसून
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में रविवार को बारिश और तेज अंधड़ की चेतावनी जारी की है। 28 मई तक इन जिलों में मौसम खराब बना रह सकता है।
इस बीच, मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार 20 जून तक मानसून हिमाचल प्रदेश में दस्तक दे सकता है। केरल में मानसून आठ दिन पहले पहुंचने से हिमाचल में भी समय से पहले मानसून आने की संभावना जताई गई है।
कुल्लू के जगातखाना में बादल फटने की घटना हिमाचल में बदलते मौसम और बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं का गंभीर संकेत है। जहां एक ओर बाढ़ और ओलावृष्टि से लोगों की जान-माल को नुकसान पहुंचा है, वहीं दूसरी ओर कृषि और परिवहन व्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ा है। मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है। आने वाले दिनों में मानसून की रफ्तार और असर पर नजर बनाए रखना बेहद जरूरी होगा।