भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्यों की विधानसभाएँ केवल कानून निर्माण का माध्यम ही नहीं, बल्कि आपसी संवाद, अनुभव-साझा करने और पारस्परिक सीख का भी एक सशक्त मंच हैं। इसी क्रम में हरियाणा विधानसभा की सरकारी आश्वासन समिति का एक प्रतिनिधिमंडल आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय, शिमला पहुँचा। इस दौरे का उद्देश्य दोनों राज्यों की विधानसभाओं के बीच कार्यप्रणाली, कार्यशैली और नवाचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना था।
शिमला, 29 मई 2025 (HD न्यूज़); हरियाणा विधानसभा की सरकारी आश्वासन समिति आज अपराह्न 12:30 बजे हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय पहुँची। समिति का नेतृत्व कर रहे थे समिति के सभापति भरत भूषण बत्तरा, उनके साथ अशोक अरोड़ा, जगमोहन आनंद और उमेद सिंह आदि सदस्य भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश सरकार के उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानियां तथा विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा भी विशेष रूप से मौजूद रहे। समिति ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां से उनके कार्यालय में शिष्टाचार भेंट की और कई महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की।

इस दौरान हरियाणा समिति ने अपनी कार्यप्रणाली, क्रियाकलापों और अब तक लिए गए निर्णयों की जानकारी साझा की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने सभी सदस्यों का पारंपरिक हिमाचली टोपी और मफलर पहनाकर गर्मजोशी से स्वागत किया।
कौंसिल चैम्बर का ऐतिहासिक महत्व
विधानसभा अध्यक्ष पठानियां ने जानकारी देते हुए कहा कि शिमला स्थित कौंसिल चैम्बर देश की पहली राष्ट्रीय एसेंबली का भवन रहा है, जिसका निर्माण वर्ष 1920 से 1925 के बीच मात्र 10 लाख रुपये की लागत से हुआ था। उन्होंने बताया कि विठ्ठल भाई पटेल, जो सरदार पटेल के अग्रज थे, वर्ष 1925 में दो मतों से जीतकर देश की पहली राष्ट्रीय एसेंबली के अध्यक्ष बने थे।
उन्होंने बताया कि उस समय अध्यक्ष की कुर्सी तत्कालीन बर्तानिया सरकार को बर्मा सरकार द्वारा उपहार स्वरूप दी गई थी। यही वह सदन है जहाँ महिलाओं को मताधिकार देने का प्रस्ताव पारित हुआ था और भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत भी यहीं से हुई थी।
नवाचार और डिजिटलीकरण की पहल
पठानियां ने बताया कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने शीतकालीन सत्र से 'शून्य काल' की शुरुआत की है, और अब समिति की बैठकों में ऑनलाइन भागीदारी की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है ताकि कोरम पूरा किया जा सके।
इतिहास से साक्षात्कार
भेंट के उपरांत विधानसभा अध्यक्ष ने समिति को कौंसिल चैम्बर और विधानसभा सदन का भ्रमण करवाया। उन्होंने उन्हें सदन के इतिहास, बैठने की व्यवस्था और संचालन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही, समिति को सदन के इतिहास पर आधारित पुस्तकें, विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश और प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों की प्रतियाँ भी भेंट की गईं।
हरियाणा विधानसभा की समिति ने सदन की रख-रखाव, ऐतिहासिक धरोहर और संचालन व्यवस्था की सराहना करते हुए हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया।
हरियाणा विधानसभा की सरकारी आश्वासन समिति का हिमाचल विधानसभा का यह शिष्टाचारिक दौरा न केवल संसदीय प्रक्रियाओं की जानकारी और अनुभव साझा करने का एक सशक्त माध्यम बना, बल्कि दोनों राज्यों के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों और सदन संचालन की श्रेष्ठ परंपराओं को मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ। हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किया गया स्वागत, ऐतिहासिक स्थलों का अवलोकन और विधायी ज्ञान का आदान-प्रदान इस दौरे को और भी यादगार बना गया।