शिमला: (HD NEWS); मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज आयोजित हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के नागरिकों को राहत देने, आपदा प्रबंधन को सशक्त बनाने और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने के उद्देश्य से अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। इस बैठक में जहां आपदा प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा हुई, वहीं वन संरक्षण, स्वास्थ्य सेवाएं, चुनाव प्रक्रिया और नगर निकाय व्यवस्थाओं में भी दूरगामी बदलाव किए गए हैं।
आपदा राहत पैकेज में ऐतिहासिक बढ़ोतरी: मंत्रिमंडल ने हालिया आपदा में नुकसान झेल रहे हजारों परिवारों को राहत देते हुए मौजूदा सहायता राशि में कई गुना बढ़ोतरी की। अब पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकान के लिए ₹7 लाख, आंशिक क्षति पर ₹1 लाख और दुकान/ढाबों के नुकसान पर भी ₹1 लाख की राहत दी जाएगी। दुधारू पशुओं के नुकसान पर ₹55, 000 और बकरी, भेड़, सूअर आदि के लिए ₹9, 000 प्रति पशु का मुआवजा मिलेगा। मकान से गाद हटाने के लिए ₹50, 000 तथा कृषि व बागवानी भूमि पर नुकसान का मुआवजा ₹10, 000 प्रति बीघा कर दिया गया है। यह अब तक का सबसे उदार राहत पैकेज माना जा रहा है।

आपदा में शोक व सहयोगियों को धन्यवाद: मंत्रिमंडल ने आपदा में जान गंवाने वाले नागरिकों के प्रति गहरा शोक प्रकट किया और इस कठिन घड़ी में राज्य के साथ खड़े रहने वाले NDRF, SDRF, सेना, पुलिस और स्वयंसेवकों को आभार जताया। साथ ही आम नागरिकों से आपदा राहत कोष में उदार योगदान देने की अपील की गई।
वन संरक्षण की दिशा में क्रांतिकारी पहल: कैबिनेट ने ‘राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना’ को मंजूरी दी, जो राज्य में पांच वर्षों में ₹100 करोड़ की लागत से लागू होगी। इसमें महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों को वृक्षारोपण और वन संरक्षण में भागीदार बनाया जाएगा। प्रत्येक समूह को प्रति हेक्टेयर ₹1.20 लाख की सहायता और पौधों के जीवित रहने पर समान प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह योजना पर्यावरणीय स्थिरता और सामुदायिक सहभागिता को सशक्त बनाएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुदृढ़ीकरण: IGMC शिमला में रेडियोथेरेपी विभाग के अंतर्गत पेन एंड पैलिएटिव केयर सेल में आठ पदों के सृजन सहित, हमीरपुर जिले के धनेटा पीएचसी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने का फैसला लिया गया। मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा कदम उठाते हुए B.Sc. कोर्सों की सीटें शिमला व टांडा मेडिकल कॉलेजों में 50-50 कर दी गईं।
प्रशासनिक और पुलिस सुधार: मंत्रिमंडल ने शिमला के सुन्नी थाना क्षेत्र के अंतर्गत खैरा में नई पुलिस चौकी खोलने और आवश्यक पदों को भरने की स्वीकृति दी। चंबा में पुलिस चौकी हतली का कार्यक्षेत्र सिहुंता थाना को सौंपा गया। सोलन जिले की नवगठित उप-तहसील लौहारघाट को उपमंडल नालागढ़ में शामिल करने का निर्णय भी लिया गया।
नगर निकायों का पुनर्गठन: कैबिनेट ने कांगड़ा जिले की नगर पंचायत जवाली को नगर परिषद में और शिमला की नगर परिषद सुन्नी को नगर पंचायत के रूप में पुनर्गठित करने का निर्णय लिया। इससे स्थानीय प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और गतिशीलता आएगी।
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता: हिमाचल प्रदेश नगरपालिका चुनाव नियम 2015 में संशोधन कर राज्य चुनाव आयोग को चुनाव कार्यक्रम अधिसूचित करने का अधिकार दिया गया है। अब नामांकन की अंतिम तिथि से कम से कम 7 दिन पहले अधिसूचना जारी होगी और नामित सदस्य भी निर्वाचितों के साथ संविधान की शपथ ले सकेंगे।
वाहन स्क्रैपिंग पर प्रोत्साहन: राज्य में पुराने, प्रदूषणकारी वाहनों को स्क्रैपिंग के लिए भेजने पर उनके मालिकों को अब मोटर वाहन कर में 50% की छूट मिलेगी। इससे हरित परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
कैदियों की समयपूर्व रिहाई का पहला फैसला: मंत्रिमंडल ने राज्य सजा समीक्षा बोर्ड की सिफारिश पर 15 कैदियों की समय से पूर्व रिहाई को मंजूरी दी है। यह निर्णय इस शर्त पर लिया गया है कि कैदियों का आचरण संतोषजनक हो। यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला कदम है।
इस मंत्रिमंडल बैठक के निर्णय न केवल तात्कालिक राहत प्रदान करते हैं, बल्कि भविष्य की आपदाओं से निपटने, सतत विकास और प्रशासनिक दक्षता को मजबूत करने की दिशा में भी प्रभावी कदम हैं। हिमाचल सरकार ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि जनता की भलाई, पारदर्शिता और पर्यावरण संरक्षण उसकी सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं।
⚠️ Disclaimer (डिस्क्लेमर):
यह समाचार सरकार द्वारा जारी की गई अधिकृत प्रेस विज्ञप्ति और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। इसमें प्रस्तुत आंकड़े एवं विवरण संबंधित विभागों द्वारा स्वीकृत निर्णयों के अनुरूप हैं। किसी भी योजना या राहत पैकेज का अंतिम लाभ संबंधित विभागों की अधिसूचना एवं प्रक्रिया पर निर्भर करता है। पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी योजना या सहायता के लिए आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।