शिमला, 29 जुलाई 2025; (HD News); हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित मंत्रिमंडल बैठक में प्रदेशवासियों से जुड़े कई अहम और दूरदर्शी फैसले लिए गए। ये निर्णय न केवल प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने वाले हैं, बल्कि आम जनमानस के जीवन को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने वाले भी हैं। रोजगार, कृषि, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और दुग्ध उत्पादन जैसे क्षेत्रों में लिए गए निर्णय सरकार की जनहितकारी सोच का प्रमाण हैं।
बैठक में सबसे बड़ा फैसला प्रदेश के 1, 386 जल रक्षकों के लिए लिया गया, जिन्हें जल शक्ति विभाग में पंप अटेंडेंट के रूप में नियुक्त किया जाएगा। यह नियुक्ति उन कर्मचारियों के लिए है जिन्होंने 31 दिसंबर 2024 तक 12 वर्ष या उससे अधिक की सेवा पूरी कर ली है। यह निर्णय वर्षों से स्थायी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे कर्मचारियों को राहत देने वाला है और विभाग की कार्यक्षमता भी इससे बेहतर होगी।

बागवानों को बड़ी राहत देते हुए वर्ष 2025 के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) को मंजूरी दी गई है। इसके तहत सेब की खरीद 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से की जाएगी। इसी योजना में बी और सी ग्रेड के किन्नू, माल्टा और संतरा भी 12 रुपये प्रति किलो, गलगल 10 रुपये प्रति किलो तथा अंकुर, कलमी और कच्चा अचारी आम 12 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदे जाएंगे। इससे प्रदेश के बागवानों को फलों की गिरती कीमतों से राहत मिलेगी।
आपदा प्रबंधन को लेकर भी मंत्रिमंडल ने एक बड़ा निर्णय लिया है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित उप-समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी गई है, जिसके अंतर्गत राज्यभर में इमारतों की संरचनात्मक सुरक्षा का ऑडिट कराया जाएगा। इस ऑडिट के आधार पर आपदा के दौरान संभावित क्षति को कम करने के लिए पुनर्निर्माण और सुदृढ़ीकरण के उपाय किए जाएंगे। साथ ही प्रदेश में भूकंप-प्रतिरोधी और आपदा-प्रतिरोधी निर्माण को अनिवार्य बनाने की भी सिफारिश को स्वीकार किया गया है।
आपात स्थितियों में बेहतर समन्वय के लिए होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन सेवाएं और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के साथ एकीकृत करने का भी निर्णय लिया गया है। इसका उद्देश्य संकट की घड़ी में तेज़ और संगठित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।
मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिले के देहरा क्षेत्र में स्थित बनखंडी में प्रस्तावित दुर्गेश-अरण्य प्राणी उद्यान के पहले चरण के अंतर्गत 325 पेड़ों के स्थानांतरण को मंजूरी दी है। यह कदम पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए विकास और पर्यटन को गति देने वाला है।
देहरा क्षेत्र के लोगों के लिए भी मंत्रिमंडल ने बड़ी घोषणा की। वहां एक नया क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) खोलने का निर्णय लिया गया है, जिससे वाहन पंजीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य परिवहन सेवाएं स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध होंगी। इस कार्यालय के संचालन के लिए आवश्यक पदों के सृजन और नियुक्ति को भी मंजूरी दी गई है।
स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के जिला अस्पतालों और चुनिंदा आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में कैंसर रोगियों के लिए 18 डे केयर कीमोथेरेपी सेंटरों के उन्नयन और उन्हें आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने का निर्णय लिया गया है। इससे रोगियों को मेडिकल कॉलेजों या राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता कम होगी, जिससे समय और खर्च दोनों की बचत होगी।
कुल्लू जिले के तेगु-बिहार नागरिक अस्पताल में 50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक और एक जिला एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला की स्थापना को भी स्वीकृति मिली है। इसके अतिरिक्त मनाली, सोलन, पांवटा, देहरा, रिकांगपिओ और हमीरपुर के प्रमुख अस्पतालों में क्रिटिकल केयर सेवाओं को सशक्त करने के लिए चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति की जाएगी। साथ ही जिला एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं की स्थापना हेतु सोलन, पांवटा, देहरा और नगरोटा बगवां में आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति को भी मंजूरी दी गई है।
दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी सरकार ने सुधारात्मक और आधुनिक पहल की है। हमीरपुर जिले के जलाड़ी में एक नया दूध शीतलन केंद्र और ऊना जिले के झलेरा में बल्क मिल्क कूलर स्थापित किए जाएंगे। साथ ही नाहन, नालागढ़, मोहल और रोहड़ू में नए दूध प्रसंस्करण संयंत्र लगाए जाएंगे। इन सभी व्यवस्थाओं को दक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश दुग्ध संघ में एक ईआरपी (उद्यम संसाधन योजना) सॉफ्टवेयर प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे किसानों को मोबाइल फोन के माध्यम से भुगतान व अन्य जानकारियां तुरंत उपलब्ध हो सकेंगी।
इस मंत्रिमंडल बैठक के निर्णय स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि प्रदेश सरकार जनहित को सर्वोपरि मानते हुए योजनाबद्ध, व्यावहारिक और समावेशी विकास की दिशा में दृढ़ता से अग्रसर है। निर्णयों की यह श्रृंखला न केवल तात्कालिक लाभ प्रदान करने वाली है, बल्कि हिमाचल के भविष्य को सुरक्षित, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से भी निर्णायक सिद्ध होगी।
डिस्क्लेमर: यह समाचार राज्य सरकार द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति और मंत्रिमंडल बैठक के निर्णयों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारियों का उद्देश्य पाठकों को सूचित करना है। किसी भी नीति, योजना या निर्णय की अंतिम पुष्टि संबंधित विभाग या अधिकृत सरकारी स्रोत से प्राप्त की जानी चाहिए। हिमदर्शन.कॉम समाचार में प्रस्तुत सभी तथ्य जानकारी के आधार पर हैं, जिनमें समयानुसार परिवर्तन संभव है।