शिमला (HD News): दृष्टिबाधितों ने प्रदेश सरकार को 19 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार की ओर से तय समयसीमा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस कारण अब दृष्टिहीन जनसंगठन ने 19 अगस्त को विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है। संगठन का आरोप है कि सरकार के पास अभी तक बैकलॉग कोटे का सही डाटा मौजूद नहीं है और रोस्टर नियमों को भी सही से लागू नहीं किया जा रहा।
बैकलॉग कोटे का मुद्दा
दृष्टिहीन जनसंगठन का कहना है कि प्रदेश में वर्ष 1995 से अब तक चतुर्थ श्रेणी के बैकलॉग पदों को भरा नहीं गया है। संगठन के अध्यक्ष शोभू राम ने बताया कि 2016 से पहले यह आरक्षण कोटा 3 प्रतिशत था, जबकि नियम संशोधन के बाद इसे 4 प्रतिशत कर दिया गया। ऐसे में सरकार को दो अलग-अलग तरह से रोस्टर जारी करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

विभागीय बैठक भी रही निष्फल
हाल ही में इस मामले को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी, लेकिन इसमें कोई निर्णय नहीं निकल पाया। दृष्टिबाधितों का आरोप है कि सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही, जबकि बैकलॉग पदों को लेकर लंबे समय से मांग उठाई जा रही है।
आंदोलन की रणनीति
दृष्टिहीन जनसंगठन ने स्पष्ट किया है कि 19 अगस्त को विधानसभा का घेराव किया जाएगा। यदि सरकार फिर भी ठोस निर्णय नहीं लेती, तो संगठन विधानसभा परिसर के बाहर आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार को दृष्टिबाधितों के बैकलॉग कोटे से जुड़े मुद्दे पर जल्द ही ठोस कदम उठाने होंगे। अन्यथा आगामी दिनों में विधानसभा सत्र के दौरान आंदोलन और तेज हो सकता है।