शिमला: (HD News); सर्वदलीय बैठक की समाप्ति के पश्चात डिजिटल मिडिया को सम्बोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने कहा कि मॉनसून सत्र अविलम्ब चलें तथा सदन में महत्वपूर्ण तथा सार्थक चर्चा हो के लिए सर्वदलीय बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुई। पठानियां ने कहा कि उन्होने सत्ता पक्ष तथा प्रतिपक्ष से सदन संचालन में रचनात्मक सहयोग मांगा है तथा सदन का अधिक से अधिक समय जनहित तथा प्रदेश हित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हेतु उपयोग किया जाए इसकी उन्होने सभी माननीय सदस्यों से अपील की है।
पठानियां ने कहा कि हम जनप्रतिनिधि हैं जनता ने हमें चुनकर भेजा है अत: हमें उनकी अपेक्षाओं तथा अकांक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करना चाहिए। पठानियां ने कहा कि यह विधान सभा के इतिहास का चौथा बड़ा मॉनसून सत्र है जहाँ चर्चा के लिए तथा जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए पर्याप्त समय है। उन्होने कहा कि यह माननीय सदस्यों पर निर्भर करता है कि वे इसका सदुपयोग किस तरह से करते हैं।

पठानियां ने कहा कि उनका पद तटस्थ है अत: उनका दायित्व है कि वे दोनों पक्षों को बराबरी का समय दें जिसका वह सदैव पालन करते आए हैं। उन्होने प्रतिपक्ष से अनुरोध किया है कि वे जनहित तथा प्रदेश हित से सम्बन्घित विषयों पर सत्तापक्ष से प्रश्न पूछे तथा सरकार का भी दायित्व बनता है कि वह सभी प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध करवाएँ तथा सभी सूचनाओं का समयवद्व तथा तथ्यपूर्ण जवाब दें। इस बैठक में संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान, नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, उप-मुख्य सचेतक हि०प्र० सरकार केवल सिंह पठानियां तथा भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक सुखराम चौधरी उपस्थित रहे तथा सदन के अन्दर हर दिन होने वाली कार्यवाही पर चर्चा की गई।
पठानियां ने कहा कि इस सत्र में प्राकृतिक आपदा सबसे बड़ा विषय होगा जिस पर दोनों दल चर्चा करना चाहेंगे जैसे कि सर्वदलीय बैठक में भी इस विषय पर गम्भीर चर्चा होने की बात कही गई है। पठानियां ने कहा उन्हे आशा है कि दोनों पक्ष गम्भीरता के साथ चर्चा करेंगे तथा भविष्य में इस स्थिती से निपटने के लिए कोई ठोस निति और निर्णय लेने का प्रयास करेंगे।
पठानियां ने कहा कि अभी तक कुल 1018 प्रश्नों की सूचनाएँ विधान सभा सचिवालय को माननीय सदस्यों से प्राप्त हुई हैं जिसमें 815 तारांकित तथा 203 अतारांकित हैं जबकि नियम 62 के तहत 7, नियम 101 के तहत 4, तथा नियम 130 के तहत 8 सूचनाएँ मिली है जिन्हें आगामी कार्रवाई हेतु सरकार को प्रेषित कर दिया गया।