शिमला: (HD news); भारत और दुनिया भर के फैंटेसी गेम प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका। Fantasy Sports इंडस्ट्री का दिग्गज Dream11, जिसने 28 करोड़ से ज्यादा यूजर्स और ₹9600 करोड़ का रेवेन्यू खड़ा करके ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया में राज किया था, अचानक बंद हो गया है। यह खबर न सिर्फ खिलाड़ियों और गेमिंग प्रेमियों के लिए चौंकाने वाली है, बल्कि निवेशकों और डिजिटल इंडस्ट्री के लिए भी गहरी चिंता का विषय है। सवाल साफ है - क्या अब ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकार की सख्ती का दौर शुरू हो चुका है ?
यूजर बेस और वित्तीय सफलता
Dream11 ने बीते कुछ सालों में भारत में Fantasy Sports का ऐसा माहौल बनाया था, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य खेलों में भागीदारी के नाम पर यह प्लेटफॉर्म हर घर तक पहुँच चुका था। 28 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स और ₹9600 करोड़ के रेवेन्यू ने इसे इंडस्ट्री का निर्विवाद बादशाह बना दिया। लेकिन अब अचानक तालेबंदी ने इस ‘सफलता की इमारत’ को हिला दिया है।
क्यों बंद हुआ खेल?
सूत्रों का कहना है कि Dream11 का बंद होना सीधा-सीधा सरकार की नई नियमावली और बढ़ती निगरानी का परिणाम है। हाल ही में लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग और जुए से जुड़े ऐप्स पर कड़े कानून बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करना कंपनियों के लिए चुनौती साबित हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि Dream11 का ब्रेक अस्थायी है, लेकिन यह इंडस्ट्री के लिए बड़ा संकेत है कि "अब खेल उन नियमों से होगा जो सरकार तय करेगी।"

सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर भी उठा तूफान
Dream11 की तरह ही अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की भी भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर हजारों फर्जी चैनल खुलेआम नेताओं और मशहूर हस्तियों के फर्जी वीडियो बनाकर प्रसारित कर रहे हैं। राजनीतिक दल इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग एक-दूसरे की छवि खराब करने और जनता को गुमराह करने के लिए कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि जहाँ एक असली न्यूज़ चैनल चलाने के लिए मंत्रालय से मंजूरी और करोड़ों का निवेश करना पड़ता है, वहीं कोई भी व्यक्ति फेसबुक आईडी बनाकर न्यूज़ चैनल की तरह फर्जी खबरें चला रहा है।
ब्लैकमेलिंग और हैकिंग का धंधा
आज फेसबुक पर हजारों ऐसे चैनल सक्रिय हैं, जो पत्रकारिता के नाम पर सिर्फ ब्लैकमेलिंग और प्रोपेगेंडा का धंधा कर रहे हैं। रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि बड़े-बड़े फेसबुक पेजों को हैक करके उनका इस्तेमाल नेताओं और हस्तियों की छवि खराब करने में किया जा रहा है। यह खेल न केवल भारत बल्कि विदेशों तक हमारी छवि धूमिल कर रहा है। अगर सरकार ने इस दिशा में सख्ती नहीं दिखाई तो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ब्लैकमेलिंग और झूठ का अड्डा बन जाएंगे।
कंपनी का बयान और भविष्य
Dream11 ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि यह कदम केवल अस्थायी है और कंपनी नियमों व पारदर्शिता के अनुरूप प्लेटफॉर्म को फिर से शुरू करेगी। यानी खेल खत्म नहीं हुआ, बस रुका है। विशेषज्ञ मानते हैं कि Fantasy Sports का भविष्य उज्ज्वल है, लेकिन अब खेल साफ-सुथरे नियमों और कड़े सरकारी नियंत्रण में ही आगे बढ़ेगा।
Dream11 की अचानक हुई तालेबंदी केवल एक कंपनी का मामला नहीं है, बल्कि पूरे डिजिटल इंडिया के लिए एक बड़ा सबक है। सरकार फैंटेसी और जुए वाले ऐप्स पर नकेल कस रही है, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बेकाबू हो चुका दुरुपयोग और भी बड़ा खतरा बन चुका है। अब वक्त आ गया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को पारदर्शिता, जवाबदेही और कानूनी नियंत्रण के दायरे में लाया जाए। वरना Dream11 के बाद अगला ताला किसी और दिग्गज पर लग सकता है।