हिमाचल प्रदेश में मानसून इस बार आफत बनकर टूटा है। झमाझम बारिश ने जहां लोगों की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं अब तक 417 जानें जा चुकी हैं और अरबों की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। 3 नेशनल हाईवे समेत सैकड़ों सड़कें बंद हैं, कई जिलों में स्कूल-कॉलेजों पर ताला लग गया है और मौसम विभाग ने एक बार फिर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। पढ़ें विस्तार से..
शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। बीती रात भी प्रदेश के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हुई, जिसके चलते आज भी लोगों की मुश्किलें कम नहीं होंगी। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि, कल से अगले चार दिनों तक मानसून कमजोर पड़ने की संभावना जताई गई है।
भारी बारिश से नुकसान को देखते हुए धर्मपुर सब-डिवीजन के सभी स्कूल आज बंद रखने का फैसला लिया गया है। वहीं, कुल्लू जिले के मनाली और बंजार क्षेत्र में भी स्कूल और कॉलेज आज नहीं खुलेंगे।
सामान्य से 46% ज्यादा बरसात
इस बार का मानसून हिमाचल के लिए सामान्य से कहीं ज्यादा घातक साबित हो रहा है। 1 जून से 16 सितंबर तक राज्य में औसत से 46 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। जहां सामान्य तौर पर इस अवधि में 692.1 मिलीमीटर बारिश होती है, वहीं इस साल अब तक 1010.9 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।

शिमला में सामान्य से 109% ज्यादा
कुल्लू में 108%
मंडी में 79%
बिलासपुर में 74%
सोलन और ऊना में 64%
हमीरपुर 60%
सिरमौर और चंबा में 40%
किन्नौर में 29%
कांगड़ा में 20% ज्यादा बारिश दर्ज की गई।
सड़कें बंद और अरबों का नुकसान
लगातार बारिश के चलते 3 नेशनल हाईवे समेत 652 सड़कें अब भी ठप पड़ी हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत सड़कें पिछले 20 दिनों से अवरुद्ध हैं। अब तक की भारी बारिश से सरकारी और निजी संपत्तियों को करीब 4, 582 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंच चुका है।
417 लोगों की मौत, हजारों घर प्रभावित
मानसून सीजन ने प्रदेश में भारी तबाही मचाई है। अब तक 417 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 80 लोग बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं की भेंट चढ़ गए। इस दौरान 1, 502 घर पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं, जबकि 6, 501 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त बताए जा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में मानसून का यह दौर लोगों के लिए लगातार चुनौतियाँ खड़ी कर रहा है। सड़कें जाम, मकान जमींदोज और जनहानि की घटनाएँ प्रदेश की नाजुक स्थिति बयां कर रही हैं। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन हालात सामान्य होने में अभी समय लगेगा। ऐसे में प्रशासन और लोगों दोनों के सामने बड़ी परीक्षा है कि कैसे मिलकर इस आपदा से उबरा जाए।