हिमाचल प्रदेश इन दिनों आपदा की मार झेल रहा है। कहीं मकान जमींदोज हो रहे हैं तो कहीं सड़कें मलबे के नीचे दब गई हैं। कांगड़ा में 10 घर जमींदोज हो गए और मंडी में 187 सड़कें अब भी बंद हैं। बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है, लोग हर पल दहशत और चिंता में जी रहे हैं। हालांकि मौसम विभाग ने शुक्रवार से राहत की उम्मीद जताई है, जिससे प्रदेशवासियों को थोड़ी आस बंधी है। पढ़ें विस्तार से..
शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश में इस समय मानसून का कहर जारी है। हालांकि राहत की खबर यह है कि मौसम विभाग ने अगले एक सप्ताह तक भारी बारिश की कोई चेतावनी जारी नहीं की है। वीरवार को भी प्रदेश के कई इलाकों में बारिश के आसार बने हुए हैं, जबकि शुक्रवार से मौसम में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। बुधवार को नाहन में बारिश दर्ज की गई, जबकि अन्य जगहों पर धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली।
प्रदेश में अब भी आपदा का असर गहराई से देखने को मिल रहा है। कांगड़ा जिले में बारिश ने कहर बरपाया है, जहां 10 कच्चे मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं। इसके अलावा 49 अन्य घरों, 64 गोशालाओं और एक दुकान को नुकसान पहुंचा है। मंडी जिला आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार मंडी में अभी भी 187 सड़कें बंद हैं, हालांकि राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग यातायात के लिए खुले हुए हैं।

धर्मपुर में सोमवार आधी रात आई बाढ़ के बाद लापता दो लोगों की तलाश बुधवार को भी जारी रही, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। बाढ़ से करोड़ों की संपत्ति और संसाधन बह गए हैं। चंबा के डलहौजी में पतरैणी मार्ग पर भूस्खलन से नगर परिषद के विश्राम गृह को भी नुकसान हुआ। वहीं, हमीरपुर, ऊना और बल्ह में भी मकानों को क्षति पहुंचने की जानकारी मिली है।
इसी बीच, कुल्लू-मनाली एनएच की मुश्किलें भी खत्म नहीं हो रही हैं। मरम्मत कार्य के चलते यह हाईवे दिन में 10 घंटे बंद रहेगा। सुबह 9 से दोपहर 2 बजे और शाम 4 से रात 9 बजे तक यातायात रोककर एनएचएआई स्थायी बहाली का काम करेगा।
प्रदेश में अब भी 517 सड़कें, 441 बिजली ट्रांसफार्मर और 274 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। बावजूद इसके साफ मौसम की झलक भी दिखने लगी है। गगल एयरपोर्ट से दिल्ली और चंडीगढ़ की सभी फ्लाइटें समय पर पहुंचीं। कुल्लू की मंडियों में सेब और सब्जियों की खेप भी बड़ी संख्या में आने लगी है।
मौसम विभाग के अनुसार वीरवार को कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, लेकिन शुक्रवार से राहत का सिलसिला शुरू होगा। ऐसे में प्रदेशवासियों को उम्मीद है कि मानसून का यह कहर धीरे-धीरे थमेगा और जनजीवन पटरी पर लौटेगा।
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने भारी तबाही मचाई है, लेकिन राहत की किरण अब नज़र आने लगी है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी से उम्मीद जगी है कि शुक्रवार से हालात सुधरेंगे और प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटेगा। हालांकि, मौजूदा हालात हमें यह भी याद दिलाते हैं कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सतर्कता और मजबूत आपदा प्रबंधन तंत्र कितना जरूरी है। प्रदेशवासी फिलहाल राहत की प्रतीक्षा कर रहे हैं, ताकि फिर से सामान्य जीवन की ओर बढ़ा जा सके।