हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने साफ कहा है कि चुनाव दिसंबर महीने में तय समय पर ही होंगे और चुनाव आयोग अगले कुछ दिनों में रोस्टर जारी करेगा। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस संगठन की स्थिति से पंचायत चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी मजबूती से मैदान में उतरेंगे। इसी बीच शिमला में आयोजित ग्रामीण स्वाद महोत्सव ने परंपरागत व्यंजनों और स्थानीय उत्पादों को एक नए मंच से जोड़ा है। पढ़ें पूरी खबर..

शिमला : (HD News) हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने साफ किया है कि पंचायत चुनाव दिसंबर महीने में तय समय पर ही होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जल्द ही पंचायत चुनावों का रोस्टर जारी करेगा। मंत्री ने संकेत दिए कि 15 से 20 दिसंबर के बीच चुनाव संपन्न हो सकते हैं।
अनिरुद्ध सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि पंचायत चुनाव पार्टी चिन्ह पर नहीं होते, लिहाजा कांग्रेस संगठन की स्थिति से चुनाव परिणामों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी मजबूत स्थिति में रहेंगे और चुनाव में बढ़त हासिल करेंगे।

मंत्री अनिरुद्ध सिंह शिमला के इंदिरा गांधी खेल परिसर में आयोजित पांच दिवसीय राज्य स्तरीय ग्रामीण स्वाद महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है और इस महोत्सव का आयोजन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस महोत्सव में स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रदेश के पारंपरिक व्यंजन और उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें कोदे के सिड्डू, काबडू माश के भल्ले, चोलाई की खीर, सेब की बर्फी समेत कई खास पकवान शामिल हैं। महोत्सव 7 अक्टूबर तक चलेगा और इसमें पर्यटक व स्थानीय लोग भाग लेकर प्रदेश की परंपरागत संस्कृति और स्वाद का आनंद उठा सकते हैं।

पंचायत चुनावों को लेकर प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, वहीं ग्रामीण स्वाद महोत्सव ने पारंपरिक व्यंजनों और संस्कृति को एक मंच पर लाकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का रास्ता दिखाया है।
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने स्पष्ट किया कि चुनाव दिसंबर में तय समय पर ही होंगे और आयोग तैयारियों में जुटा है। उनका यह बयान प्रदेश की राजनीति में हलचल को और तेज करता है, क्योंकि कांग्रेस संगठन की स्थिति को लेकर उठ रहे सवालों पर उन्होंने दो टूक जवाब दिया कि पंचायत चुनाव संगठन पर निर्भर नहीं होते। दूसरी ओर, शिमला में शुरू हुआ ग्रामीण स्वाद महोत्सव न सिर्फ पारंपरिक व्यंजनों को बढ़ावा दे रहा है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में भी अहम भूमिका निभा रहा है। इससे साफ है कि सरकार एक ओर जहां लोकतांत्रिक ढांचे को समय पर मजबूत कर रही है, वहीं दूसरी ओर सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाने के प्रयास जारी हैं।
