हिमाचल प्रदेश में मंत्रियों और विधायकों की मासिक आय में अभूतपूर्व उछाल आया है। राज्यपाल की मंजूरी के साथ 2025 के संशोधन अधिनियम लागू होते ही मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और आम विधायकों की ग्रॉस सेलरी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री की मासिक ग्रॉस आय अब 2, 65, 000 रुपये तक पहुँच गई है, जबकि मंत्री और विधायकों की कुल मासिक आय 2.3 से 2.6 लाख रुपये के बीच तय की गई है। यह वृद्धि केवल वेतन तक सीमित नहीं, बल्कि सत्कार भत्ते, कार्यालय और निर्वाचन क्षेत्र भत्ते और अन्य लाभों के साथ लागू हुई है।
शिमला, 16 अक्टूबर 2025: हिमाचल प्रदेश में मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और विधायकों के वेतन तथा भत्तों में अभूतपूर्व और ऐतिहासिक बढ़ोतरी को लेकर राज्यपाल ने तीन प्रमुख संशोधन अधिनियमों को स्वीकृति दे दी है। इस कदम को राजनीतिक और वित्तीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्व माना जा रहा है। सरकारी तंत्र के भीतर इसे वरिष्ठ नेताओं और विधायकों की सुविधा, कार्य प्रेरणा और पद की गरिमा सुनिश्चित करने वाला निर्णय बताया जा रहा है।

मंत्रियों की मासिक आय में यह वृद्धि उल्लेखनीय है। संशोधन के अनुसार, मुख्यमंत्री का मासिक वेतन अब 1, 15, 000 रुपये होगा, जबकि उन्हें 1, 50, 000 रुपये का सत्कार भत्ता भी मिलेगा। इस प्रकार मुख्यमंत्री की कुल मासिक ग्रॉस आय 2, 65, 000 रुपये तक पहुँच गई है। इसी तरह, कैबिनेट मंत्रियों की कुल मासिक आय 2, 45, 000 रुपये, राज्य मंत्रियों की 2, 43, 000 रुपये और उप मंत्रियों की 2, 30, 000 रुपये तक बढ़ा दी गई है। सभी मंत्रियों के वेतन और भत्तों में अब आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 48 के स्पष्टीकरण (v) के तहत मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर हर पांच साल में स्वतः वृद्धि होगी।

विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की आय में भी महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हुई है। अध्यक्ष का मासिक वेतन अब 1, 50, 000 रुपये तय किया गया है, जबकि उपाध्यक्ष को भी समान वेतन मिलेगा। दोनों पदों पर बैठे नेताओं की आय भी हर पांच वर्ष में मुद्रास्फीति के अनुसार बढ़ाई जाएगी, जिससे उनके वित्तीय स्थायित्व और पद की गरिमा बनी रहे।

सामान्य विधायकों के भत्तों और सुविधाओं में भी महत्वपूर्ण सुधार किया गया है। प्रत्येक विधायक को मासिक 50, 000 रुपये वेतन, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 1, 20, 000 रुपये और कार्यालय भत्ता 90, 000 रुपये प्राप्त होगा, जिससे उनकी कुल मासिक आय 2, 60, 000 रुपये तक पहुँच गई है। विधायकों की सरकारी यात्रा पर खर्च भी वास्तविक आधार पर मान्य होगा, किंतु प्रति किलोमीटर अधिकतम 25 रुपये और कुल सीमा 6, 00, 000 रुपये निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त, विधायकों की पेंशन और अन्य लाभ मुद्रास्फीति सूचकांक के अनुसार हर पांच वर्ष में स्वचालित रूप से बढ़ेंगे।
इस संशोधन में पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी नेता के लिए भी विशेष प्रावधान शामिल किए गए हैं। भूतपूर्व मुख्यमंत्री अब टाइप-VI श्रेणी या उससे ऊपर के आवास के पात्र होंगे। वहीं, विपक्ष के नेता को कैबिनेट मंत्री के समान वेतन, भत्ते और लाभ प्राप्त होंगे। यह कदम विधायकों और नेताओं को उनके पद के अनुरूप सम्मान प्रदान करने और कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

इस बदलाव के बाद हिमाचल प्रदेश में नीति निर्धारण करने वाले नेताओं और विधायकों की मासिक ग्रॉस आय लगभग 2.3 से 2.65 लाख रुपये के बीच पहुंच गई है। विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय वित्तीय रूप से नेताओं को सशक्त बनाता है, लेकिन सार्वजनिक दृष्टि से इसे लेकर व्यापक चर्चा और बहस होना स्वाभाविक है। राज्य सरकार का तर्क है कि यह कदम वरिष्ठ नेताओं और विधायकों की सुविधा, पद की गरिमा और कार्य प्रेरणा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में मंत्रियों, विधायकों और विधानसभा अध्यक्ष/उपाध्यक्ष के वेतन और भत्तों में यह ऐतिहासिक वृद्धि स्पष्ट रूप से यह दर्शाती है कि राज्य सरकार ने वरिष्ठ नेताओं की वित्तीय स्थिति, पद की गरिमा और कार्य प्रेरणा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री की ग्रॉस मासिक आय अब 2.65 लाख रुपये तक पहुँच गई है, जबकि अन्य मंत्री और विधायकों की मासिक ग्रॉस आय 2.3 से 2.6 लाख रुपये के बीच तय की गई है। यात्रा व्यय और अन्य भत्तों के साथ, यह संशोधन उनके पद के अनुरूप सम्मान और सुविधा सुनिश्चित करता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम राजनीतिक और प्रशासनिक स्थिरता को मजबूत करेगा, हालांकि सार्वजनिक दृष्टि से इसे लेकर बहस और चर्चा भी स्वाभाविक है। यह संशोधन हिमाचल प्रदेश के नेतृत्व और नीति निर्धारण की दिशा में एक नया और निर्णायक अध्याय जोड़ता है।