शिमला : (HD News); वर्ष 2025 की दीपावली इस बार विशेष खगोलीय संयोगों के कारण अत्यंत शुभ मानी जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, दीपावली का पर्व कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष तिथियों के अद्भुत मेल के कारण श्रद्धालुओं के मन में यह दुविधा उत्पन्न हो गई है कि मुख्य दीपावली किस दिन मनाई जाए। इस विषय पर प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. मस्त राम शर्मा ने बताया कि इस बार दीपोत्सव का पर्व तीन दिनों तक क्रमवार रूप से मनाया जाएगा - 18 अक्टूबर को धनतेरस (धन त्रयोदशी), 19 अक्टूबर को छोटी दीपावली (नरक चतुर्दशी) और 20 अक्टूबर को बड़ी दीपावली (लक्ष्मी पूजन) के रूप में । पढ़ें पूरी खबर..

डॉ. शर्मा ने बताया कि 21 अक्टूबर को भी सूर्यास्त के बाद लगभग 23 मिनट तक अमावस्या तिथि रहेगी। इस कारण कुछ श्रद्धालु इस दिन भी दीपावली मनाने का विचार कर सकते हैं। हालांकि, ज्योतिषीय दृष्टि से 21 अक्टूबर को तीन प्रमुख मुहूर्त उपलब्ध नहीं होंगे, इसलिए मुख्य दीपावली 20 अक्टूबर को ही मनाना सर्वश्रेष्ठ रहेगा। वहीं, ‘मार्तंड पंचांगकार’ के अनुसार, जो लोग अपनी परंपरा के अनुसार 21 अक्टूबर को दीपावली मनाना चाहें, वे ऐसा कर सकते हैं।
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. मस्त राम शर्मा ने बताया कि इस वर्ष लक्ष्मी पूजन एवं दीप पूजन का शुभ मुहूर्त सायं 7 बजकर 5 मिनट से रात 8 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। उन्होंने कहा - “इस अवधि में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी का पूजन करने से अपार धन, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। दीपदान, मंत्रजाप, ध्यान और आरती इस समय अत्यंत मंगलकारी सिद्ध होते हैं।”

डॉ. शर्मा के अनुसार, लक्ष्मी पूजन के समय घर की स्वच्छता, सुगंधित दीपक, नए वस्त्र और शुभ प्रतीकों का प्रयोग विशेष रूप से शुभ फलदायक माना गया है। मुख्य द्वार पर शुभ-लाभ और स्वस्तिक का अंकन तथा घर को दीपों से सजाना मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम उपाय है।
धनतेरस - 18 अक्टूबर 2025
धनतेरस का दिन भगवान धन्वंतरि की आराधना के लिए समर्पित है, जो आयु और आरोग्य के देवता माने जाते हैं। इस दिन नए बर्तन, सोना-चांदी, या अन्य शुभ वस्तुएं खरीदना अत्यंत मंगलकारी होता है। इसे धन और स्वास्थ्य की वृद्धि का प्रतीक दिन माना गया है, जब परिवार के लोग अपने घर में समृद्धि और सुख-शांति की कामना करते हैं।

छोटी दीपावली - 19 अक्टूबर 2025
नरक चतुर्दशी के दिन छोटी दीपावली मनाई जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध कर धर्म की स्थापना की थी। इस दिन तिल और तेल से स्नान करने, यमराज को दीप अर्पित करने और अपने घर के चारों ओर दीप जलाने की परंपरा है। यह दिन नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मकता को अपनाने का प्रतीक है।
बड़ी दीपावली - 20 अक्टूबर 2025
20 अक्टूबर की शाम कार्तिक अमावस्या के अवसर पर मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा की जाएगी। इस दिन घरों को दीपमालाओं से सजाया जाएगा, लोग एक-दूसरे को मिठाइयां और शुभकामनाएं देंगे। डॉ. शर्मा का कहना है कि इस दिन लक्ष्मी पूजन, दीपदान और दान-पुण्य करने से वर्षभर के पाप नष्ट होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। यह दिन आत्मिक और भौतिक दोनों रूपों में प्रकाश और समृद्धि का प्रतीक है।

अमावस्या तिथि - 21 अक्टूबर 2025
डॉ. शर्मा ने बताया कि 21 अक्टूबर को सूर्यास्त के बाद लगभग 23 मिनट तक अमावस्या तिथि रहेगी। इस कारण जो श्रद्धालु ‘मार्तंड पंचांगकार’ की गणना के अनुसार पूजन करना चाहें, वे इस दिन भी दीपोत्सव मना सकते हैं। यह दिन उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो अपनी स्थानीय परंपरा और पारिवारिक रीति का पालन करते हैं।
डॉ. शर्मा का कहना है - “दीपावली केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि आत्मिक प्रकाश का पर्व है। यह अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का प्रतीक है। इस दिन हमें अपने भीतर की अंधकारमय प्रवृत्तियों को मिटाकर, प्रेम, सद्भाव और सत्य के मार्ग को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए स्वच्छता, दान और सदाचार ही सर्वोत्तम साधन हैं।”

✨ संक्षेप में पर्व तिथियां एवं शुभ मुहूर्त
🪙 धनतेरस 18 अक्टूबर 2025 शनिवार भगवान धन्वंतरि की पूजा, स्वास्थ्य व धन की प्राप्ति, शुभ वस्तुएं खरीदना मंगलकारी
🌃 छोटी दीपावली (नरक चतुर्दशी) 19 अक्टूबर 2025 रविवार भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर वध, तिल स्नान, यम दीपदान और नकारात्मकता का नाश
🪔 बड़ी दीपावली (लक्ष्मी पूजन) 20 अक्टूबर 2025 सोमवार मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा, दीपदान और दान-पुण्य से समृद्धि की प्राप्ति
🌑 अमावस्या तिथि 21 अक्टूबर 2025 मंगलवार सूर्यास्त के बाद 23 मिनट तक अमावस्या, परंपरा अनुसार पूजन किया जा सकता है
🕯️ लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त — सायं 7:05 बजे से रात 8:59 बजे तक — अत्यंत मंगलकारी समय
दीपावली केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक उत्सव है जो जीवन में प्रकाश, सकारात्मकता और समृद्धि लाता है। वर्ष 2025 में धनतेरस, छोटी दीपावली और बड़ी दीपावली तीनों दिन विशेष महत्व रखते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. मस्त राम शर्मा के अनुसार, मुख्य दीपावली और लक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर को करना सबसे मंगलकारी है, जबकि 21 अक्टूबर को भी पूजन परंपरा अनुसार किया जा सकता है।
इस पर्व पर घरों को दीपों से सजाना, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करना, दान-पुण्य करना और शुभ मुहूर्त में दीपदान करना संपूर्ण वर्ष के लिए सुख, शांति और समृद्धि सुनिश्चित करता है। इसलिए, इस दीपावली अपने घर और जीवन को रोशनी, प्रेम और सकारात्मक ऊर्जा से भरें और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करें।
⚠️ Disclaimer: यह जानकारी ज्योतिषाचार्य डॉ. मस्त राम शर्मा की गणनाओं और पारंपरिक पंचांग के आधार पर दी गई है। क्षेत्र विशेष में तिथियों और मुहूर्तों में थोड़ा अंतर संभव है। पाठक अपने स्थानीय परंपरा या आचार्य की सलाह अनुसार पूजन करें।