रामपुर बुशहर उपमंडल के गांव जुली में खेतों में घास काटते समय अचानक रंगड़ों के हमले से एक किसान की मौत हो गई, जबकि दो महिलाएं घायल हो गईं। गुरुवार शाम घटी इस दर्दनाक घटना से पूरे गांव में मातम छा गया है और लोग सहमे हुए हैं। पढ़ें पूरी खबर..

शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश के रामपुर बुशहर उपमंडल के पंद्रहबीस क्षेत्र के गांव जुली में वीरवार शाम एक दर्दनाक हादसा घटित हुआ। खेतों में घास काटने गए तीन ग्रामीणों पर अचानक रंगड़ों के झुंड ने हमला कर दिया। इस हमले में 48 वर्षीय कोक चंद की मौत हो गई, जबकि दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं। घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।

खेत में काम करते समय हुआ हादसा
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार कोक चंद पुत्र स्व. रघुदास, उनकी पत्नी मीना देवी और गांव की ही संतू देवी पत्नी गोपी चंद खेत में घास काटकर पेड़ पर रख रहे थे। इसी दौरान पास के पेड़ पर बने रंगड़ों के छत्ते से अचानक झुंड बाहर निकल आया और तीनों पर टूट पड़ा। ग्रामीणों ने जैसे-तैसे उन्हें हमले से बचाया और अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में दम तोड़ा
तीनों को तुरंत खनेरी अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने जांच में पाया कि मृतक कोक चंद के शरीर पर किसी प्रकार की बाहरी चोट नहीं थी, लेकिन रंगड़ों के डंक से पूरे शरीर में सूजन और नीले-लाल निशान पड़ चुके थे। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं, मीना देवी और संतू देवी का अस्पताल में इलाज जारी है।

पुलिस जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। परिजनों और ग्रामीणों ने इस हादसे पर किसी प्रकार की शंका नहीं जताई है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी।
गांव में मातम पसरा
इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा बरसात के मौसम में खेतों में काम करने वालों के लिए चेतावनी है। इस मौसम में पेड़ों पर रंगड़ों के छत्ते (रँगडौल) बड़े और आक्रामक हो जाते हैं, जिनसे जरा सी चूक भी जानलेवा साबित हो सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हादसों से बचाव के लिए खेतों और बगीचों में काम करते समय आसपास के पेड़ों और झाड़ियों का ध्यान रखना चाहिए। जरूरत पड़ने पर ग्रामीण प्रशासन से छत्ते हटवाने की मांग भी कर सकते हैं।
यह हादसा बरसात के मौसम में ग्रामीणों के लिए बड़ा सबक है कि खेतों और बगीचों में काम करते समय पेड़ों पर बने रंगड़ों और मधुमक्खियों के छत्तों से सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है, इसलिए जागरूकता और सतर्कता ही ऐसे हादसों से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।
