देशभर में कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान की गूंज अब हिमाचल प्रदेश में भी सुनाई देने लगी है। शिमला स्थित कांग्रेस मुख्यालय से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को इस अभियान की औपचारिक शुरुआत की। इस राज्यव्यापी हस्ताक्षर अभियान के तहत 13 अक्टूबर तक एक लाख सिग्नेचर जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। कांग्रेस का उद्देश्य है कि फर्जी वोट और मतदाता सूची में हेराफेरी के मामलों पर जनता को जागरूक किया जाए और लोकतंत्र की पारदर्शिता को मजबूत बनाया जाए।
शिमला से शुरू हुआ कांग्रेस का ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ अभियान, फर्जी वोटिंग के खिलाफ प्रदेशव्यापी मुहिम - पढ़ें विस्तार से-
शिमला: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को “वोट चोर गद्दी छोड़” सिग्नेचर अभियान का शुभारंभ किया। यह अभियान कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के आंदोलन का हिस्सा है, जिसे देशभर में एक साथ शुरू किया गया है। हिमाचल में इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में किया।
प्रदेश कांग्रेस ने इस अभियान के तहत एक लाख लोगों से हस्ताक्षर करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके लिए सभी 12 जिलों में प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। इस अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची में फर्जीवाड़े, डुप्लीकेट वोट और हेराफेरी को लेकर जनता को जागरूक करना है।

इस अवसर पर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, और अभियान के सह-प्रभारी कुलदीप सिंह राठौर उपस्थित रहे। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व, एआईसीसी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों ने भी भाग लिया।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को हिमाचल प्रदेश में इस अभियान का संयोजक नियुक्त किया गया है, जबकि कुलदीप सिंह राठौर को सह-संयोजक बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जो राज्यभर से आने वाले सिग्नेचर डेटा की निगरानी करेगा और डुप्लीकेसी की जांच करेगा।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह अभियान सिर्फ विरोध नहीं बल्कि लोकतांत्रिक सुधार की दिशा में एक पहल है। उन्होंने कहा
> “यदि किसी विधानसभा क्षेत्र में 50 से 100 वोट भी काटे जाते हैं तो चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। इसीलिए कांग्रेस ने यह राष्ट्रीय जागरूकता अभियान शुरू किया है ताकि हर मतदाता अपने अधिकार के प्रति सतर्क रहे।
सुक्खू ने आगे कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बार-बार तथ्यों और दस्तावेजों के साथ यह मुद्दा उठाया है कि देशभर में मतदाता सूचियों में फर्जी वोट जोड़े जा रहे हैं और वास्तविक मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस तरह की हेराफेरी के माध्यम से लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।

अभियान के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेशभर में लोगों से मुलाकात कर हस्ताक्षर एकत्र करेंगे और उन्हें यह जानकारी देंगे कि कैसे मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की जांच और सुधार किया जा सकता है।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह जनसहभागिता पर आधारित है, और इसके माध्यम से कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि वोट की पवित्रता से कोई समझौता नहीं होगा।

कांग्रेस का “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक माहौल को नया मोड़ दे सकता है। एक ओर यह अभियान मतदाता जागरूकता की दिशा में पहल के रूप में देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इसे भाजपा के खिलाफ सीधा राजनीतिक हमला भी माना जा रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह अभियान कितनी जनता तक पहुंच पाता है और क्या कांग्रेस अपने निर्धारित एक लाख हस्ताक्षर के लक्ष्य को पूरा कर पाती है। फिलहाल, हिमाचल में यह मुहिम कांग्रेस के लिए राजनीतिक रूप से एकजुटता का संदेश देने का माध्यम भी बन गई है।
