हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में सोमवार को आयोजित एक गरिमामयी और ऐतिहासिक समारोह में न्यायमूर्ति जिया लाल भारद्वाज और न्यायमूर्ति रोमेश वर्मा ने न्यायाधीश पद की शपथ ग्रहण की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. एस. संधावालिया ने दोनों नव-नियुक्त न्यायाधीशों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। यह समारोह न केवल न्यायपालिका की अनुशासनबद्ध और मर्यादित परंपरा का प्रतीक रहा - पढ़ें विस्तार से

शिमला (HD News): हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में सोमवार को एक गरिमामयी और ऐतिहासिक समारोह के दौरान जिया लाल भारद्वाज और रोमेश वर्मा ने न्यायाधीश पद की शपथ ग्रहण की। समारोह का आयोजन उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायालय कक्ष में किया गया, जहां मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. एस. संधावालिया ने दोनों नव-नियुक्त न्यायाधीशों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह का वातावरण सादगी और गरिमा से परिपूर्ण था, जिसमें न्यायपालिका की प्रतिष्ठा और अनुशासन स्पष्ट झलक रहा था।
सरल लेकिन प्रभावशाली समारोह
शपथ ग्रहण समारोह सादगीपूर्ण होते हुए भी अत्यंत प्रभावशाली रहा। कार्यक्रम का संचालन रजिस्ट्रार जनरल भूषण शर्मा ने किया, जिन्होंने भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी दोनों न्यायाधीशों की नियुक्ति पत्र को औपचारिक रूप से पढ़कर सुनाया। समारोह में न्यायमूर्ति, वरिष्ठ अधिवक्ता, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के अधिकारी, कर्मचारी और परिवारजन उपस्थित रहे।

इस अवसर पर न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ, न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य, न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति रंजन शर्मा और न्यायमूर्ति राकेश कंैथला सहित उच्च न्यायालय के सभी माननीय न्यायाधीश उपस्थित रहे। पूरी कार्यवाही गंभीरता, अनुशासन और गरिमा के साथ संपन्न हुई।
न्यायमूर्ति जिया लाल भारद्वाज का परिचय
जिया लाल भारद्वाज का जन्म 20 अगस्त 1969 को हुआ। उन्होंने अपनी विधिक यात्रा की शुरुआत 1994 में वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार गोयल (जो बाद में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने) के मार्गदर्शन में की। करीब तीन दशक से अधिक लंबे करियर में उन्होंने सिविल, क्रिमिनल और संवैधानिक कानून सहित विधि की विभिन्न शाखाओं में उल्लेखनीय अनुभव अर्जित किया है। उनका गहरा विधिक ज्ञान, संतुलित दृष्टिकोण और न्याय के प्रति समर्पण हिमाचल न्यायपालिका के लिए एक मूल्यवान संपत्ति माना जा रहा है।

न्यायमूर्ति रोमेश वर्मा का परिचय
रोमेश वर्मा का जन्म 7 मई 1974 को हुआ। उन्होंने 1999 में अपने पिता वरिष्ठ अधिवक्ता घनश्याम दास वर्मा के सान्निध्य में विधि व्यवसाय आरंभ किया। अपने दो दशकों से अधिक लंबे विधिक करियर में उन्होंने अनेक जटिल मामलों में सफलता प्राप्त की है और न्याय के सिद्धांतों के प्रति अपनी गहन प्रतिबद्धता स्थापित की है। वह विधिक मर्यादा, गहन अध्ययनशीलता और संवैधानिक संतुलन के प्रबल समर्थक माने जाते हैं। उनका अनुभव और दृष्टिकोण न्यायालय की कार्यक्षमता को और अधिक सुदृढ़ बनाएगा।
कार्यक्रम में विशिष्ट उपस्थिति
शपथ ग्रहण समारोह में भारत के पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता, उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए. के. गोयल, न्यायमूर्ति के. सी. सूद, न्यायमूर्ति सुरिंदर सिंह, न्यायमूर्ति वी. के. शर्मा, न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति चंदर भूषण बारोवालिया विशेष रूप से उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त, नव-नियुक्त न्यायाधीशों के परिजन, महाधिवक्ता अनूप रतन, हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल के चेयरमैन लवनीश कंवर, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हमेन्दर सिंह चंदेल, भारत सरकार के उप सॉलिसिटर जनरल बलराम शर्मा, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रारगण, अधिकारी और कर्मचारी भी इस अवसर पर मौजूद रहे।

न्यायपालिका में नई ऊर्जा का संचार
दोनों न्यायाधीशों की नियुक्ति से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायिक पीठ में नई ऊर्जा, अनुभव और सुदृढ़ता का संचार हुआ है। विधिक क्षेत्र में वर्षों का उनका अनुभव, अनुशासन और निष्पक्ष दृष्टिकोण न्याय व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएगा। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि जिया लाल भारद्वाज और रोमेश वर्मा के नेतृत्व और योगदान से न्यायपालिका में दक्षता और पारदर्शिता का स्तर और ऊँचा होगा।
यह शपथग्रहण समारोह न केवल हिमाचल प्रदेश की न्यायिक परंपरा में एक नया अध्याय जोड़ता है, बल्कि यह न्याय के उच्चतम आदर्शों के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को भी सशक्त रूप में दर्शाता है। दोनों न्यायाधीशों का अनुभव, विद्वता और समर्पण आने वाले वर्षों में प्रदेश की न्यायिक प्रणाली को अधिक पारदर्शी, संवेदनशील और प्रभावी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
