शिमला के मॉल रोड पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे नगर निगम कर्मियों से दुकानदारों की हाथापाई ने हालात गर्मा दिए हैं। घटना इतनी गंभीर थी कि नगर निगम को पुलिस में शिकायत दर्ज करवानी पड़ी। मेयर सुरेंद्र चौहान ने दो टूक चेतावनी दी है कि निगम कर्मचारियों के साथ बदसलूकी न सिर्फ कानून का उल्लंघन है बल्कि हाई कोर्ट के आदेशों की सीधी अवहेलना भी है, और ऐसे कृत्यों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर..
शिमला: (HD News); राजधानी शिमला के मॉल रोड पर अतिक्रमण हटाने गई नगर निगम टीम के साथ दुकानदारों की हाथापाई ने पूरे शहर में हलचल मचा दी है। नगर निगम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी है। मेयर सुरेंद्र चौहान ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि नगर निगम कर्मचारियों के साथ बदसलूकी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर कानून के तहत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
मॉल रोड और लोअर बाज़ार अतिक्रमण से त्रस्त, निगम की नियमित कार्रवाई
मेयर के अनुसार, मॉल रोड और लोअर बाज़ार में लगातार बढ़ते अतिक्रमण के कारण स्थानीय लोगों और पर्यटकों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पैदल चलना मुश्किल होने की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं, इसी के चलते नगर निगम समय-समय पर अतिक्रमण हटाने की निर्धारित प्रक्रिया अपनाता है।

बीते दिन भी निगम कर्मचारी अपने नियमित अभियान के तहत मॉल रोड पहुंचे और दुकानों के बाहर हटाया हुआ सामान वापस भीतर रखने और फुटपाथों को खाली कराने की कार्रवाई कर रहे थे।
दुकानदारों की भीड़ ने रोकी कार्रवाई, हाथापाई तक पहुँचा मामला
लेकिन कार्रवाई के दौरान कुछ दुकानदारों ने विरोध करते हुए निगम कर्मचारियों को निशाना बनाया। मेयर ने स्पष्ट किया कि कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी की पुष्टि हुई है, जिसे लेकर निगम ने तुरंत पुलिस से हस्तक्षेप की मांग की है।
मेयर चौहान ने कहा, “कर्मचारी अपना कर्तव्य निभा रहे थे। कुछ दुकानदारों द्वारा की गई मारपीट और दुर्व्यवहार गंभीर अपराध है। ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं होंगी।”
हाई कोर्ट के आदेश की भी खुली अवमानना
मेयर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने को लेकर स्पष्ट और सख्त निर्देश दिए हैं। “नगर निगम पूरी प्रक्रिया एक्ट और कोर्ट के आदेशों के अनुरूप करता है। इसके बावजूद कर्मचारियों को रोकना कोर्ट की सीधी अवहेलना है, जिसे बहुत गंभीरता से लिया जाएगा, ” उन्होंने कहा।
नगर निगम प्रशासन का कहना है कि जिस तरह से दुकानदारों ने कार्रवाई को बाधित किया, वह न सिर्फ अवैध है बल्कि कोर्ट की अवमानना के दायरे में भी आता है।

दोषियों की पहचान शुरू, पुलिस ने बढ़ाई सख्ती
नगर निगम ने पुलिस को घटना की वीडियो फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों की जानकारी उपलब्ध करवाई है। मामले की जांच तेज कर दी गई है और पुलिस दोषियों की पहचान कर रही है।
मेयर ने साफ कहा, “कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। जो भी लोग इस हिंसक व्यवहार में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे।”
शहर में बढ़ा प्रशासनिक दबाव, अतिक्रमण पर अब होगी कड़ी निगरानी
इस घटना के बाद नगर निगम ने संकेत दिए हैं कि अब अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई और ज्यादा सख्ती से होगी। निगम का मानना है कि शहर के सौंदर्य और सुचारू व्यवस्था के लिए अतिक्रमण पर नियंत्रण जरूरी है।
मॉल रोड की यह घटना सिर्फ एक झड़प नहीं, बल्कि प्रशासन के अधिकार और कानून व्यवस्था को चुनौती देने जैसा मामला है। मेयर की कड़ी चेतावनी और पुलिस की सक्रियता से साफ है कि शहर में अतिक्रमण और कानून तोड़ने वालों पर अब नकेल कसने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
