"विपरीत परिस्थितियों में अदम्य साहस और विकास की नई इबारत लिखने वाले हिमाचल के लोक निर्माण मंत्री ने वैश्विक पटल पर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। लंदन के ऐतिहासिक चर्चिल रूम में जब उन्हें 'यूथ एंड आइकॉन' अवार्ड से सम्मानित किया गया, तो यह सम्मान उस 'बौद्धिक राजनीति' और 'जन-सेवा' का विजय उद्घोष था, जिसने आपदा के दौरान प्रदेश को संबल दिया। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन का यह फैसला सिद्ध करता है कि विक्रमादित्य सिंह का विजन अब सीमाओं से परे अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज पर चमक रहा है।"
वैश्विक पटल पर हिमाचल का डंका: ब्रिटिश संसद में विक्रमादित्य सिंह को मिला प्रतिष्ठित 'यूथ एंड आइकॉन' सम्मान - पढ़ें पूरी खबर..
लंदन/शिमला : (HD News) देवभूमि हिमाचल प्रदेश के स्वाभिमान और युवा नेतृत्व की गूंज अब ब्रिटिश संसद के ऐतिहासिक गलियारों तक जा पहुंची है। 12 दिसंबर का दिन प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हो गया, जब लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को लंदन के प्रतिष्ठित 'पैलेस ऑफ वेस्टमिंस्टर' में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा 'यूथ एंड आइकॉन' (Youth and Icon) सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान केवल एक मंत्री की व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि हिमाचल की अदम्य इच्छाशक्ति और नई सोच का वैश्विक अभिनंदन है।

ऐतिहासिक 'चर्चिल रूम' में गूंजी सफलता की दास्तां
लंदन स्थित ब्रिटिश संसद भवन के सुप्रसिद्ध और ऐतिहासिक 'चर्चिल रूम' में आयोजित एक गरिमामय समारोह में विक्रमादित्य सिंह को यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने उन्हें 'यूथ आइकॉन और इंटैलैक्चुअल पॉलिटिक्स' (Youth Icon and Intellectual Politics) की श्रेणी में चयनित कर यह मुहर लगा दी है कि विक्रमादित्य सिंह न केवल वर्तमान के नेता हैं, बल्कि भविष्य के निर्माता भी हैं। संस्था ने विशेष रूप से उनकी राजनीतिक शैली में बौद्धिकता और संवेदनशीलता के दुर्लभ संतुलन को सराहा है, जो उन्हें समकालीन नेताओं की भीड़ से अलग करता है।
आपदा में 'जननायक' और युवाओं के प्रेरणास्त्रोत
इस प्रतिष्ठित सम्मान का आधार विक्रमादित्य सिंह का वह अदम्य साहस है, जो उन्होंने हिमाचल प्रदेश में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रदर्शित किया। जब प्रदेश संकट के दौर से गुजर रहा था, तब उन्होंने एक सच्चे 'जननायक' की भांति धरातल पर उतरकर राहत कार्यों की कमान संभाली। संस्था ने माना कि विक्रमादित्य सिंह ने न केवल प्रभावी नेतृत्व प्रदान किया, बल्कि वे प्रदेश के युवा वर्ग के बीच एक बेहद लोकप्रिय और चहेते नेता के रूप में उभरे हैं। उनकी कार्यशैली ने युवाओं में यह विश्वास जगाया है कि राजनीति सेवा और बदलाव का सशक्त माध्यम हो सकती है।

"यह सम्मान मेरा नहीं, हर हिमाचली का है"

वैश्विक मंच पर हिमाचल का मान: लंदन में 'यूथ एंड आइकॉन' सम्मान से सम्मानित लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह।
अपनी इस वैश्विक उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए विक्रमादित्य सिंह ने अत्यंत विनम्रता और गर्व के साथ इस पुरस्कार को हिमाचल की जनता को समर्पित किया। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, "एक सामान्य नागरिक और मंत्री के रूप में, यह क्षण मेरे लिए अत्यंत गौरवपूर्ण है।" उन्होंने बताया कि यह सम्मान हिमाचल प्रदेश में अधोसंरचना विकास (Infrastructure Development), सतत् प्रगति और समावेशी सुशासन की दिशा में किए जा रहे हमारे सामूहिक प्रयासों और संकल्पों का परिणाम है।
संकल्प: परंपराओं के साथ प्रगति की ओर

वैश्विक मंच पर हिमाचल का मान: लंदन में 'यूथ एंड आइकॉन' ..
"अंत में, अपने पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के दिखाए मार्ग और संस्कारों को अपनी प्रेरणा बताते हुए, विक्रमादित्य सिंह ने जनसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह वैश्विक सम्मान उन्हें प्रदेशहित में और अधिक ऊर्जा के साथ कार्य करने की शक्ति देता है। उन्होंने संकल्प लिया कि एक सच्चे हिमाचली के रूप में, वे प्रदेश की समृद्ध परंपराओं और मूल्यों को संजोते हुए, हिमाचल के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव समर्पित रहेंगे। निस्संदेह, यह उपलब्धि 'सशक्त हिमाचल' के निर्माण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।"
प्रेरणा की नई इबारत और भविष्य का आगाज

लंदन में गूंजा हिमाचल का नाम! 🇬🇧🇮🇳 ब्रिटिश संसद में 'यूथ एंड आइकॉन' अवार्ड से नवाजे गए युवा नेता विक्रमादित्य सिंह। नेतृत्व, सेवा और समर्पण को मिला अंतर्राष्ट्रीय सम्मान।
विक्रमादित्य सिंह का यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मान सिद्ध करता है कि यदि इरादे नेक हों, नेतृत्व में दूरदर्शिता हो और जनता के प्रति समर्पण सच्चा हो, तो स्थानीय प्रयास वैश्विक पहचान बनने का माद्दा रखते हैं। ब्रिटिश संसद में मिला यह सम्मान हिमाचल प्रदेश के 'नए और सशक्त' स्वरूप का परिचायक है। यह उपलब्धि प्रदेश के युवाओं के लिए एक 'प्रकाश-स्तंभ' है, जो यह विश्वास दिलाती है कि सेवा और परिश्रम की गूंज सीमाओं की मोहताज नहीं होती। निश्चित रूप से, यह सम्मान हिमाचल की विकास यात्रा में एक क्रांतिकारी अध्याय की शुरुआत है, जो राज्य को वैश्विक पटल पर और अधिक मजबूती से स्थापित करेगा।

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