रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) अपने मेगा राइट इश्यू से मिलने वाली राशि में से तीन- चौथाई का इस्तेमाल कुछ कर्ज चुकाने में करेगी। राइट इश्यू के पेशकश दस्तावेज में इसका उल्लेख किया गया है। आरआईएल को उसके प्रस्ताविति राइट इश्यू से कुल मिलाकर 53, 036.13 करोड़ रुपये की प्राप्ति होने की उम्मीद है। यह इश्यू 20 मई को खुलकर तीन जून 2020 को बंद होगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड 29 साल बाद राइट इश्यू के जरिए सार्वजनिक रूप से धन जुटाने की योजना बना रही है। साल 1991 में रिलायंस ने कन्वर्टेबल डिबेंचर्स के जरिए धन जुटाया था और बाद में इन डिबेंचर्स को 55 रुपये की दर से इक्विटी शेयर में बदल दिया था। दस्तावेज में कहा गया है, इसमें से 39, 755.08 करोड़ रुपये की राशि ''कंपनी द्वारा लिये गए कर्ज के पूर्ण अथवा एक हिस्से के भुगतान अथवा समय से पहले चुकाने के लिये किया जाएगा। शेष 13, 281.05 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंपनी के सामान्य कार्यों में किया जाएगा। राइट इश्यू दस्तावेज के मुताबिक निवेशकों को इसमें आवेदन के लिये शुरु में केवल 25 प्रतिशत भुगतान ही करना होगा। शेष राशि को अगले साल मई और नवंबर में दो किस्तों में चुकानी होगी।
बता दें मार्च तिमाही के अंत में, RIL पर 3, 36, 294 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज था। इसमें 1, 75, 259 करोड़ रुपये की नकदी भी थी, जिससे शुद्ध ऋण की स्थिति 1, 61, 035 करोड़ रुपये हो गई।
राइट इश्यू के तहत आरआईएल के प्रत्येक 15 शेयर के बदले एक शेयर दिया जाएगा। यह शेयर 1, 257 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर आवंटित किये जायेंगे। राइट इश्यू के लिये आवंदन करते समय शेयरधारक को 314.25 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से भुगतान करना होगा। शेष 942.75 रुपये की राशि को दो किस्तों में चुकाना होगा। मई 2021 में 25 प्रतिशत की अगली किस्त 314.25 रुपये प्रति शेयर और उसके बाद नवंबर 2021 में शेष 50 प्रतिशत राशि, 628.50 रुपये का भुगतान निवेशक को करना होगा।
30 अप्रैल को अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने प्रत्येक 15 शेयरों के लिये एक राइट इश्यू शेयर जारी कर 53, 125 करोड़ रुपये जुटाने की योजना की घोषणा की। राइट इश्यू 1, 257 रुपये प्रति शेयर के भाव पर दिया जाएगा। बीएसई में कंपनी का शेयर मूल्य 1, 408 रुपये पर बंद हुआ।
क्या है राइट इश्यू
बता दें शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए राइट्स इश्यू लाती हैं। इसके तहत कंपनियां अपने मौजूदा शेयरधारकों को ही अतिरिक्त शेयर खरीदने को मंजूरी देती हैं। इसके तहत शेयरधारक एक निश्चित अनुपात में ही शेयर खरीद सकते हैं। यह अनुपात कंपनी तय करती है। शेयरधारक कंपनी की ओर से तय अवधि में ही राइट्स इश्यू के तहत शेयर खरीद सकते हैं। राइट्स इश्यू के जरिए जारी किए जाने वाले शेयर से कंपनी के मालिकाना हक पर कोई असर नहीं पड़ता है।