रियल्ट एस्टेट बाजार में देश के प्रमुख 8 शहरों की बात करें तो दिल्ली-एनसीआर में घरों की कीमतों में 30 प्रतिशत की सबसे अधिक तिमाही वृद्धि देखी गई है। सालाना आधार पर देश के आठ प्रमुख शहरों में औसतन मकानों की कीमतों में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है, जिसमें दिल्ली एनसीआर 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है। इसके बाद बेंगलुरु का नंबर है जहां मकानों कीमत 8 प्रतिशत बढ़े हैं। कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एंड एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीआरईडीएआई) और प्रॉपट्री कंसल्टिंग फर्म लिसास फोरास और कोलियर्स की रिपोर्ट से पता चलता है कि 2024 की दूसरी तिमाही में लगातार वृद्धि जारी है। जिसमें प्रमुख आठ शहरों में औसतन कीमतों में तिमाही दर तिमाही 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, साथ ही मांग लगातार बनी रहने के संकेत भी इस रिपोर्ट में दिए गए हैं।
कीमतों में वृद्धि के बाद भी मांग में इजाफा जारी
उद्योग की रिपोर्ट के अनुसार कीमतों में वृद्धि जारी रहने के बाद भी एक सकारात्मक पहलू देखने को मिला है कि भारत के शहरों में आवास में बिक्री में वृद्धि बनी हुई है। लाइसेस फोरास के प्रबंध निदेशक पंकज कपूर कहते हैं कि, चालू तिमाह में किफायती सेगमेंट में नए लॉन्च में 33 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। एनसीआर में बिक्री और नए लॉन्च में वृद्धि के संकेत मिलते है कि बाजार विकास के रास्ते पर बना रहेगा।
लग्जरी और अल्ट्रा लग्जरी सेगमेंट में मांग सबसे ज्यादा बढ़ी
प्रमुख आठ शहरों में कीमतों के हिसाब में दिल्ली एनीसीआर में आवास कीमतों में तिमाही दर तिमाही वृद्धि देखी गई है। दिल्ली एनसीआर के भीतर, द्वारका एक्सप्रेसवे और ग्रेटर नोएडा में क्रमशः औसत आवास की कीमतों में 35 प्रतिशत और तिमाही दर तिमाही में 24 प्रतिशत की बड़ी मूल्य वृद्धि देखी गई। यह पिछली कुछ तिमाहियों में इन सूक्ष्म बाजारों के लिए सबसे अधिक तिमाही मूल्य वृद्धि है। हाल ही में लक्जरी सेगमेंट लॉन्च में तेजी के कारण भी इसमें वृद्धि देखी गई है। कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक और शोध प्रमुख विमल नादर ने कहा, आवासीस बाजार में सेकंड और वेकेशन होम सहित लक्जरी और अल्ट्रा लक्जरी सेगमेंट में मांग में सबसे अधिक वृद्धि हुई है, जो दिल्ली एनसीआर और बेंगलुरु के चुनिंदा माइक्रो-मार्केट में कीमतों में वृद्धि से स्पष्ट है। इन शहरों में विशाल आवासीय इकाइयों, विशेष रूप से 3-4बीएचके फ्लैट के लिए औसत आवास की कीमतें सालाना आधार पर 30 प्रतिशत तक बढ़ी हैं।
आठ शहरों में बिना बिकी इकाइयों की संख्या में आई गिरावट
मुंबई की बात करें तो मुंबई महानगर क्षेत्र ने बाजार पर हावी है, इस क्षेत्र में 40 प्रतिशत ऐसी इकाइयों हैं जो बिकी नहीं है। एमएमआर को छोड़कर शहर के सभी आवासीय इकाइयों में तिमाही के आधार पर कीमतों में 5 प्रतिशत की गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में एमएमआर की आवसीय इकाइयों में अच्छी बिक्री देखी गई थी, जिसका मुख्य कारण नए लॉन्च थे। बिना बिकी इकाइयों के बावजूद भी कीमतों मामूली वृद्धि हुई। वहीं पुणे की बात करें तो सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की गिरावट के साथ बिना बिकी इकाइयों की संख्या में सबसे अधिक वार्षिक गिरावट इस शहर में देखने को मिली है। अमदाबाद, चेन्नई और कोलकाता में भी बिना बिकी इकाइयों के स्तरों में 6 से 8 प्रतिशत की गिरावट वार्षिक स्तर पर रही है। 2024 की दूसरी तिमाही तक, आठ प्रमुख शहरों के प्राथमिक बाजार में 10 लाख से अधिक आवास इकाइयाँ उपलब्ध थीं, जिसमें अकेले एमएमआर की जो बेंची नहीं जा सकी इन्वेंट्री के स्तर में लगभग 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। हैदराबाद और बेंगलुरु में ऐसी इकाइयों की संख्या में वार्षिक वृद्धि के बावजूद, दोनों शहरों में क्रमिक आधार पर मामूली गिरावट देखी गई।