कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने रत्न और आभूषण कारोबारियों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने इस सेक्टर से जुड़े लोगों को तराशे और पॉलिश किए गए हीरे के आयात के लिए तीन माह की छूट दी है, जिन्हें प्रमाणन और ग्रेडिंग के लिए विदेश भेजा जाता है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टमस (CBIC) ने कहा कि यह तीन महीने का अतिरिक्त निर्यातकों को विदेश में निर्दिष्ट प्रयोगशालाओं द्वारा उचित प्रमाणन और ग्रेडिंग के बाद तराशे और पॉलिश किए गए हीरे को वापस लाने के लिए मिलेगा.
यह अतिरिक्त समय उन सभी तराशे और पॉलिश किए गए हीरे पर लागू होगा, जिनका 1 फरवरी 2020 से 31 जुलाई 2020 के बीच आयात किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से वापस नहीं लाया जा सका. (Photo: कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने रत्न और आभूषण कारोबारियों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने इस सेक्टर से जुड़े लोगों को तराशे और पॉलिश किए गए हीरे के आयात के लिए तीन माह की छूट दी है, जिन्हें प्रमाणन और ग्रेडिंग के लिए विदेश भेजा जाता है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टमस (CBIC) ने कहा कि यह तीन महीने का अतिरिक्त निर्यातकों को विदेश में निर्दिष्ट प्रयोगशालाओं द्वारा उचित प्रमाणन और ग्रेडिंग के बाद तराशे और पॉलिश किए गए हीरे को वापस लाने के लिए मिलेगा.
यह अतिरिक्त समय उन सभी तराशे और पॉलिश किए गए हीरे पर लागू होगा, जिनका 1 फरवरी 2020 से 31 जुलाई 2020 के बीच आयात किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से वापस नहीं लाया जा सका.
सीबीआईसी ने कहा कि इस राहत की घोषणा 9 मार्च 2012 की अधिसूचना संख्या 09/2012-सीमा शुल्क में उपयुक्त संशोधन करके दी गई है. अब अतिरिक्त समय इस अवधि में आयात के लिए बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) और आईजीएसटी का भुगतान नहीं करना पड़ेगा.
यह सुविधा उन निर्यातकों के लिए है, जिनका औसत वार्षिक निर्यात कारोबार पिछले तीन वर्षों में 5 करोड़ रुपये का रहा है. सरकार के इस कदम से बड़े पैमाने पर हीरा कारोबारियों को राहत मिलने वाली है.
गौरतलब है कि यह राहत उन निर्यातकों को दी गई है, जिनके ग्रेडेड तराशे और पॉलिश किए गए हीरे तीन माह की अवधि के दौरान विदेशों में फंसे हुए थे और आमतौर पर महामारी के कारण आयात की अनुमति खत्म हो गई थी. इस प्रकार के कई खेपों को सीमा शुल्क की मंजूरी का भी इंतजार था.
सीबीआईसी ने कहा कि इस राहत की घोषणा 9 मार्च 2012 की अधिसूचना संख्या 09/2012-सीमा शुल्क में उपयुक्त संशोधन करके दी गई है. अब अतिरिक्त समय इस अवधि में आयात के लिए बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) और आईजीएसटी का भुगतान नहीं करना पड़ेगा.
यह सुविधा उन निर्यातकों के लिए है, जिनका औसत वार्षिक निर्यात कारोबार पिछले तीन वर्षों में 5 करोड़ रुपये का रहा है. सरकार के इस कदम से बड़े पैमाने पर हीरा कारोबारियों को राहत मिलने वाली है.
गौरतलब है कि यह राहत उन निर्यातकों को दी गई है, जिनके ग्रेडेड तराशे और पॉलिश किए गए हीरे तीन माह की अवधि के दौरान विदेशों में फंसे हुए थे और आमतौर पर महामारी के कारण आयात की अनुमति खत्म हो गई थी. इस प्रकार के कई खेपों को सीमा शुल्क की मंजूरी का भी इंतजार था.