लाहौल-स्पिति: (काजा); स्पिति की पहचान ठंडे रेगिस्तान को लेकर दुनिया भर में है। स्नो लेपर्ड की पंसदीदा स्थली होने के बाद अब आईस हाॅकी से स्पिति पहचाने जाने लगा है। वहीं स्पिति आईस खेलों का हब बनता जा रहा है। आईस हाॅकी का आयोजन पिछले तीन सालों से यहां पर हो रहा है। लेकिन अब आईस स्केटस का आयोजन भी यहां पर होना शुरू हो गया है। एडीएम मोहन दत शर्मा ने बताया कि स्पिति में आईस हाॅकी के प्रति बच्चों का उत्साह साल दर साल बढ़ता जा रहा है।
इस वर्ष स्पिति के बच्चों को आइस स्केटस प्रतियोगिता के बारे में जागरूक किया जा रहा है। 17 जनवरी से लेकर 25 जनवरी तक नौ दिवसीय शिविर काजा में हिमाचल प्रदेश आइस स्केटिंग एसोसियेशन के सौजन्य से लगाया गया। इसमें हिमाचल प्रदेश, उतराखंड, दिल्ली आदि राज्यों से करीब 40 बच्चों ने हिस्सा लिया । वहीं स्पिति के बच्चों ने इस शिविर में प्रशिक्षित हुए।
शिविर के अंतिम दिन दौड़ आयोजित करवाई गई जिसमेें स्पिति के बच्चे विजेता रहे। स्पिति के बच्चों में आइस स्केटस प्रतियोगिता के प्रति रूझान बढ़ाने के लिए ये शिविर काफी कारगर साबित हो रहा है। लोसर, सगनम, लिदांग, ताबो, हिक्किम में छोटे स्तर के आईस रिंक है। जहां पर आसपास के बच्चें स्केटस का अभ्यास कर सकते है। इसके साथ ही आइस हाॅकी का भी अभ्यास कर सकते है। आइस हाॅकी के लिए प्रशिक्षण शिविर दिंसबर माह से काजा में चल रहा है जिसमें 400 के करीब बच्चों का पंजीकरण हुआ है।
बीते तीन वर्षों में सबसे अधिक बच्चों को पंजीकरण होना स्पिति के लिए सकारात्मक संकेत है। आईस से जुड़ी खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन यहां पर हर संभव प्रयास कर रहा है। स्कींग भी स्पिति में कुछ स्थानों पर करवाई जाती है जिसमें प्रमुख तौर पर क्वांग क्षेत्र है।हिमाचल प्रदेश सरकार काजा में हाइ एल्टीटयूड स्पोटर्स सेंटर बनाने जा रही है। जिसमें इंडोर आईस खेलों के अलावा अन्य खेले भी करवाई जाएंगी।
एडीएम मोहन दत शर्मा ने कहा कि आईस हाॅकी के बाद काजा में आइस स्केटस प्रशिक्षण शिविर का सफल आयोजन हुआ है। आने वाले सालांे में यहां पर विंटर खेलों का हब बनना तय है। यहां के बच्चों में काफी क्षमता है। उन्हें मंच देने का कार्य हिमाचल प्रदेश सरकार कर रही है। बच्चों के लिए आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है।