हिंदी ENGLISH E-Paper Download App Contact us Sunday | September 07, 2025
हिमाचल आपदा: PWD को ₹2500 करोड़ का नुकसान, 1250 सड़कें बंद – विक्रमादित्य सिंह का बड़ा बयान, पढ़ें पूरी खबर..       पितृपक्ष 2025 कब से कब तक? जानें सभी श्राद्ध तिथियां और सर्वपितृ अमावस्या का महत्व       आज का पंचांग : 7 सितम्बर 2025; पूर्णिमा, सत्यनारायण व्रत और चंद्र ग्रहण का विशेष संयोग, जानिए आज का शुभ मुहूर्त व राहुकाल का समय..       रविवार का राशिफल : 7 सितम्बर 2025; वृषभ-मिथुन को धनलाभ, तुला को तरक्की, सिंह-धनु रहें सतर्क, पढ़ें सभी 12 राशियों की भविष्यवाणी       चंद्र ग्रहण 2025: आज रात लगेगा साल का अंतिम खग्रास, जानें सूतक काल और जरूरी सावधानियां, पढ़ें पूरी खबर       हिमाचल पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल: 1 IPS और 12 HPS अधिकारियों के तबादले, पढ़ें पूरी खबर..       पंचायत चुनाव 2025: हिमाचल में आरक्षण नियमों में बदलाव, SC-ST और OBC को जनसंख्या अनुपात के आधार पर हिस्सेदारी, महिलाओं को 50% सीटें, पढ़ें पूरी खबर..       हिमाचल के हजारों कर्मचारियों को बड़ा झटका : नियम 7A खत्म, कर्मचारियों का वेतन 10-20 हजार तक कम—गुस्से में संगठन ! - पढ़ें पूरी खबर..       भरमौर आपदा पर बोले राजस्व मंत्री जगत नेगी—सभी श्रद्धालु सुरक्षित, 17 की मौत; अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी, पढ़ें पूरी खबर - विस्तार से..       लोकतंत्र के मंच पर गूंजेगा हिमाचल! 11वें राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानियां करेंगे प्रदेश की आवाज़ बुलंद, बेंगलुरू बनेगा गवाह, पढ़ें पूरी खबर..      

हिमाचल | ऊना

छिन्नमस्तिका जयंती आज : शक्तिपीठ चिंतपूर्णी में गर्भगृह में होगी विशेष पूजा, माँ चिंतपूर्णी करती हैं सारी चिताएं दूर, जानिए माँ की पौराणिक कथा..

May 16, 2022 07:19 AM
आज प्रातःकालीन प्राकृतिक पिंडी स्वरूप दर्शन।
Om Prakash Thakur

माता चिंतपूर्णी के दरबार में छिन्नमस्तिका जयंती समारोह के लिए भव्य आयोजन किया जा रहा है। मां छिन्नमस्तिका की जयंती के उपलक्ष्य में माता के दरबार को दुल्हन की तरह सजाया गया है। वहीं, पुजारी वर्ग द्वारा इस भव्य आयोजन के दौरान 24 घंटे का महायज्ञ शुरू किया गया है। मां छिन्नमस्तिका की जयंती के उपलक्ष्य में माता के दरबार को दुल्हन की तरह सजाया गया है। मां छिन्नमस्तिका की जयंती पूर्णिमा को मनाई जाती है। शक्तिपीठ चिंतपूर्णी में गर्भगृह में होगी विशेष पूजा, छिन्नमस्तिका करती हैं समस्त चिताएं दूर, जानिए माँ की पौराणिक कथा..

ऊना: (हिमदर्शन समाचार); हिमाचल के ऊना जिला स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी की आज 16 मई को जयंती है। इस दौरान मंदिर में विशेष पूजा होगी। गर्भगृह में माता की पावन पिंडी को विशेष भोग लगाया जाएगा। साथ ही पुजारी वर्ग द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ हवन कुंड में आहुतियां डाली जाएंगी। रविवार को शाम साढ़े 7 बजे से मंदिर में निरंतर हवन चल रहा है।

मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया है। आज सोमवार को मंदिर के हवन कुंड में पूर्णाहुति डाली जाएगी। जिसमें आज 10 बजे मंदिर आयुक्त एवं डीसी राघव शर्मा भी विशेष रूप से शामिल होंगे। आज सोमवार को बुध पूर्णिमा की छुट्‌टी है, जिस कारण मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उमीद जताई जा रही है।

कब से मना रहे जयंती

छिन्नमस्तिका जन्मोत्सव का पौराणिक उल्लेख नहीं है। 1987 में मंदिर का अधिग्रहण हुआ था, उसके बाद से ही छिन्नमस्तिका जयंती हर साल मनाई जा रही है। इस दिन गर्भगृह में माता की विशेष पूजा अर्चना होती है। फिर माता को भोग लगाया जाता है। साथ ही निरंतर हवन डाला जाता है।

जयंती पर मंदिर में केक व पेस्ट्री लाने की मनाही रहेगी। मंदिर के प्रमुख पुजारी एवं बारीदार सभा के प्रधान रविंद्र छिंदा ने मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं से केक और पेस्ट्री ना लाने की अपील की है। क्योंकि हिंदू मान्यता में मंदिर में केक काटना सही नहीं माना जाता। उन्होंने कहा कि मंदिर में श्रद्धालु हलवा, पूरी और ड्राई फ्रूट ही लेकर आएं। केक और पेस्ट्री ना लेकर आएं।

श्रद्धालुओं को पहाड़ी धाम

मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए पहाड़ी धाम की व्यवस्था रहेगी। विशेष पूजा और हवन के बाद मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को पहाड़ी धाम खाने को मिलेगी। इसके विशेष व्यवस्था की गई है।

पौराणिक कथा : पौराणिक मतानुसार जब भगवान विष्णु ने मां सती के जलते हुए शरीर के 51 हिस्से कर दिए थे तब जाकर शिव जी का क्रोध शांत हुआ था और उन्होंने तांडव करना भी बंद कर दिया था। भगवान विष्णु द्वारा किए गए देवी सती के शरीर के 51 हिस्से भारत उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में जा गिरे थे। ऐसा माना जाता है की इस स्थान पर देवी सती का पैर गिरा था और तभी से इस स्थान को भी महत्वपूर्ण 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाने लगा।

चिंतपूर्णी में निवास करने वाली देवी को छिन्नमस्तिका के नाम से भी जाना जाता है। मारकंडे पुराण के अनुसार, देवी चंडी ने राक्षसों को एक भीषण युद्ध में पराजित कर दिया था परंतु उनकी दो योगिनियां (जया और विजया) युद्ध समाप्त होने के पश्चात भी रक्त की प्यासी थी, जया और विजया को शांत करने के लिए की देवी चंडी ने अपना सिर काट लिया और उनकी खून की प्यास बुझाई थी। इसलिए वो अपने काटे हुए सिर को अपने हाथों में पकडे दिखाई देती है, उनकी गर्दन की धमनियों में से निकल रही रक्त की धाराओं को उनके दोनों तरफ मौजूद दो नग्न योगिनियां पी रही हैं। छिन्नमस्ता (बिना सिर वाली देवी) एक लौकिक शक्ति है जो ईमानदार और समर्पित योगियों को उनका मन भंग करने में मदद करती है, जिसमे सभी पूर्वाग्रह विचारों, संलग्नक और प्रति दृष्टिकोण शुद्ध दिव्य चेतना में सम्मिलित होते है। सिर को काटने का अर्थ मस्तिष्क को धड़ से अलग कारण होता है, जो चेतना की स्वतंत्रता है।

कहा जाता है की प्राचीन काल में पंडित माई दास, एक सारस्वत ब्राह्मण, ने गांव में माता चिंतपूर्णी देवी के इस मंदिर की स्थापना की थी। समय के साथ इस स्थान का नाम चिंतपूर्णी पड़ गया। उनके वंशज आज भी चिंतपूर्णी में रहते है और चिंतपूर्णी मंदिर में की पूजा अर्चना आदि का आयोजन करते है। ये वंशज इस मंदिर के आधिकारिक पुजारी है।

Have something to say? Post your comment

हिमाचल में और

हिमाचल आपदा: PWD को ₹2500 करोड़ का नुकसान, 1250 सड़कें बंद – विक्रमादित्य सिंह का बड़ा बयान, पढ़ें पूरी खबर..

पितृपक्ष 2025 कब से कब तक? जानें सभी श्राद्ध तिथियां और सर्वपितृ अमावस्या का महत्व

चंद्र ग्रहण 2025: आज रात लगेगा साल का अंतिम खग्रास, जानें सूतक काल और जरूरी सावधानियां, पढ़ें पूरी खबर

हिमाचल पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल: 1 IPS और 12 HPS अधिकारियों के तबादले, पढ़ें पूरी खबर..

पंचायत चुनाव 2025: हिमाचल में आरक्षण नियमों में बदलाव, SC-ST और OBC को जनसंख्या अनुपात के आधार पर हिस्सेदारी, महिलाओं को 50% सीटें, पढ़ें पूरी खबर..

हिमाचल के हजारों कर्मचारियों को बड़ा झटका : नियम 7A खत्म, कर्मचारियों का वेतन 10-20 हजार तक कम—गुस्से में संगठन ! - पढ़ें पूरी खबर..

भरमौर आपदा पर बोले राजस्व मंत्री जगत नेगी—सभी श्रद्धालु सुरक्षित, 17 की मौत; अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी, पढ़ें पूरी खबर - विस्तार से..

लोकतंत्र के मंच पर गूंजेगा हिमाचल! 11वें राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानियां करेंगे प्रदेश की आवाज़ बुलंद, बेंगलुरू बनेगा गवाह, पढ़ें पूरी खबर..

शिमला: शोघी के पास दो सड़क हादसे, ट्रक खाई में गिरा; एचआरटीसी और वोल्वो बस की टक्कर, यात्री सुरक्षित, पढ़ें पूरी खबर

शिमला में तबाही का साया: 6 से ज्यादा मकान भूस्खलन की जद में, परिवार सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट - पढ़ें पूरी खबर..