चंबा; (हिमदर्शन समाचार) जिला चंबा इन दिनों भिखारियों व बाहरी लोगों का गढ़ बन चुका है। इन लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से अवैध कब्जे कर घर बना लिए हैं। टैन्ट लगा लिये हैं। जो चिंता का विषय है।
जानकारी अनुसार बालू नामक स्थान जो काफी महत्वपूर्ण पॉइंट है। जहां पर चुराह , साहू घाटी के लोग आते हैं। जिला आयुर्वेद चिकित्सा लय है। सब्जी मंडी है। आर टी ओ आफिस है। जनजातीय सराय भवन है। और भी बहुत से महत्वपूर्ण आफिस हैं। जनजाति भवन के ऊपर पहाड़ी पर जो निर्माण हुए हैं। उनको बिजली पानी तक दे दिया गया है। सरकारी भूमि पर निर्माण किस प्रकार हुए हैं ?
सड़क के किनारे बहुत अधिक टैन्ट लग चुके हैं। जो कल को पक्के भी हो जांयेंगें। पुरुष वर्ग सारा दिन कृषि योग्य उपकरणों को बनाते हैं। इनकी महिलाओं को आप अलग अलग दलों में कबाड़ एकत्रित करते हुए देख सकते हैं। जो क्रेट हिमाचल प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों ने करोडों खर्च कर लगाये थे या हैं। यह उनको उखाड़ कर गाड़ियों भर भर लाती हैं। इनको कोई नहीं रोकता है। विभाग इन बातों का कोई संज्ञान नहीं लेते हैं।
एक तरफ चोरी हो रही है। दूसरी तरफ हमारे पारंपरिक लोहारों का काम ठप्प हो चुका है। वो तो लोहा बाजार से खरीद कर ही कृषि उपकरण बनाते हैं जो महंगे होंगें ही। यह चोरी के लोहे से सामान बना कर बेचते हैं जो सस्ता होता है। किसान उसी को खरीदते हैं।
जहां तक भिखारियों की बढ़ती संख्या की बात करें। कई भिक्षुओं को गत 25 से 30 साल हो चुके हैं। इन सब लोगों ने चंबा में ही अपने आधार कार्ड तक बनवा लिये हैं। यह कोरोना काल में सरकारी व गैरसरकारी राशन तक डकार गये थे।
भिखारियों का गढ़ माई का बाग है। जहां शिवदयाला के आसपास यह लोग रहते है । अब तो हरियाणा के जंगम जो शिव भक्त होते हैं। साल में एक बार आते थे। उन्होंने अपना अखाड़ा ही चंबा में बना लिया है। बहुत बड़ा गिरोह है इनका। जो कई प्रकार के दलों में बंट कर भीख मांगने निकलते हैं। सिर पर एक पीतल का कुछ रखा होता है हाथों में एक एक घण्टी बजाते हुए हर घर हर दुकान पर प्रतिदिन जाते हैं। समझ नहीं आती इतने लोगों को चंबा में कौन ला रहा है ?
चंबा जिला बहुत ही संवेदनशील है। कई छोटे बड़े कांड चंबा में हो चुके हैं। चंबा के लोग इन बातों को गम्भीरता से नहीं ले रहे हैं। जब कि अभी केवल गाओं के लोहारों का काम इन लोगों ने छीन लिया है। कारपेंटर अब बाहर से आ रहे हैं। संगमरमर व टाइल लगाने वाले रंग करने वाले सब बाहर से आ रहे हैं। जो आने वाले दिनों में किसी खतरे से कम नहीं है।
रेहड़ियों को देखो हर गली मोहल्ला में रेहड़ियों वाले नये नये आ रहे हैं। इनको नगर परिषद वाले परमिट किस आधार पर देते हैं। मुख्य डाकघर के आसपास तो निकलना कठिन हो चुका है। बाजार में भी इतनी अधिक रेहड़ियों को परमिट दीये गये हैं। आप का चलना निकलना कठिन हो गया है। दुकानों के बाहर सड़क तक सारे सामान को रख दिया जाता है।
क्या कोई संस्था है जो इन भिखारियों पर वे बाहर से आये हज़ारों लोगों की जांच कर इनको निकाल बाहर करे। यह जो हरियाणा के जंगम आये हैं यह तो तीन महीने से ही हैं। इनकी जांच करो। चंबा वालो जागो देर हो गयी तो ढेर हो जाओगे।